Mystery of Kalki Mandir: इस मंदिर के घोड़े का घाव भरते ही, हो जाएगा धरती का विनाश, जानें कल्कि मंदिर का रहस्य
Mystery of Kalki Mandir: जयपुर में स्थित कल्कि मंदिर का रहस्य बहुत पुराना और रोचक है. यह मंदिर एक प्राचीन सन्निहित स्थान है जो की पौराणिक और धार्मिक महत्व के साथ जुड़ा हुआ है. इस मंदिर के बारे में कई किस्से और कथाएं हैं जो लोगों को आकर्षित करती हैं.
नई दिल्ली :
Mystery of Kalki Mandir: जयपुर में स्थित कल्कि मंदिर का रहस्य बहुत पुराना और रोचक है. यह मंदिर एक प्राचीन सन्निहित स्थान है जो की पौराणिक और धार्मिक महत्व के साथ जुड़ा हुआ है. इस मंदिर के बारे में कई किस्से और कथाएं हैं जो लोगों को आकर्षित करती हैं. कल्कि मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह मंदिर सन 1734 में महाराजा सवाई जय सिंह द्वारा बनवाया गया था. इस मंदिर में कल्कि भगवान की मूर्ति स्थापित है, जिनका आवतार कबीरदास ने लिया था. मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना के पीछे कई रहस्य हैं जो अभी भी खुलासा नहीं हुए हैं. कुछ लोग कहते हैं कि इस मंदिर में अत्यंत शक्तिशाली तांत्रिक क्रियाएं की जाती हैं जो काले जादू और अंधविश्वासों से जुड़ी होती हैं. दूसरों का मानना है कि यहां चमत्कारिक घटनाएं होती हैं और इस मंदिर में भगवान की कृपा बरसती है.
कुछ लोग कहते हैं कि इस मंदिर के अंदर कई गुप्त गुफाएं हैं जो किसी अन्य लोक से जुड़ी होती हैं. इन गुप्त गुफाओं के अंदर अनेक प्राचीन चित्रकला की मूर्तियां और विशेषता से भरी पुस्तकें हैं जो आज तक खोजी नहीं गई हैं. कल्कि मंदिर का रहस्य उसकी अनूठी संरचना और अज्ञात इतिहास में छिपा हुआ है. यहां के रहस्यों ने हमेशा से लोगों की रुचि बनाए रखी हैं और इस मंदिर के चारों ओर एक अजीब माहौल है जो उत्कृष्टता और आध्यात्मिकता का अनुभव कराता है.
मंदिर में स्थित घोड़ें का रहस्य:
मंदिर के प्रांगण में एक विशेष क्षेत्र है जिसे कियोस्क कहा जाता है.वे दीवारें जालीदार पत्थरों से बनी हैं. अंदर पीले संगमरमर के घोड़े की मूर्ति है. कहा जाता है कि भगवान कल्कि इसी घोड़े पर सवार होंगे. घोड़े के तीन पैर ज़मीन पर हैं और एक अगला पैर ऊपर उठा हुआ है. लोगों का मानना है कि उठा हुआ पैर धीरे-धीरे नीचे आ रहा है और उस पर घाव हो गया है. जब घाव ठीक हो जाएगा, तो ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु के विशेष रूप भगवान कल्कि का जन्म होगा.
हिंदू कहानियों में कहा जाता है कि जब दुनिया में पाप का घड़ा भर जाता है, तो भगवान विष्णु बुराई ख़तम कर सत्य की स्थापना करने के लिए अलग-अलग रूपों में पृथ्वी पर अवतार लेतें हैं. उन्होंने दस अलग-अलग रूप धारण किए हैं, जैसे मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि अवतार. ऐसा माना जाता है कि भविष्य में विष्णु दुनिया में हो रही सभी बुरी चीजों को खत्म करने के लिए आखिरी बार कल्कि अवतार में आएंगे.
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