दुनियाभर के अमीर लोग परिवार के साथ छुट्टिया बिताने के लिए किसी द्वीप यानी आइलैंड पर जाना पसंद करते हैं. जहां कुदरत की सुंदरता और साफ वातावरण में सुकून मिलता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे आइलैंड के बारे में बताने जा रहे हैं. जिस पर जाने से आज भी लोग कतराते हैं. हालांकि ये आइलैंड भी दूसरे आइलैंड की तरह की बेहद खूबसूरत और साफ है बावजूद इसके यहां कोई नहीं जाना चाहता. क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इस आइलैंड पर जाने वाला कभी लौटकर नहीं आता. ये आइलैंड इटली में है. जिसका नाम है पोवेग्लिया आइलैंड.
माना जाता है मौत का टापू
दरअसल, इस आइलैंड को मौत का टापू माना जाता है. लेकिन कभी ये अपनी सुंदरता और प्राकृतिक वातावरण के लिए मशहूर था. लेकिन आज ये आइलैंड वीरान पड़ा है. काफी साल पहले इटली में प्लेग ने महाविनाश मचाया था. इस बीमारी की चपेट में लाखों की संख्या में लोग आ गए. बीमारी थमने का नाम नहीं ले रही थी. इसके बाद इटली की सरकार ने इससे निजात पाने का जरिया ढूंढ निकाला और 1.6 लाख लोगों को इस द्वीप पर लाकर जिंदा जला दिया. प्लेग के बाद इटली में एक और बीमारी फैल गई. जिसका नाम था काला बुखार. ये बीमारी भी लाइलाज थी. जिसकी वजह से यहां एक बार फिर से मौतों का सिलसिला चल निकला. काला बुराख से मरने वाले लोगों के शवों को इसी द्वीप पर लाकर दफनाया गया.
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इस द्वीप पर आती थी अजीबोगरीब आवाजें
कहा जाता है कि इसके बाद इस आइलैंड और आसपाक के द्वीपों से अजीबो गरीब आवाजें आने लगीं. लोगों का कहना था कि ये आवाजें और चीख पुकार यहां जलाए गए और दफनाएं गए लोगों की आत्माओं की है. इस डर से लोगों ने इस द्वीप पर जाना बंद कर दिया और धीरे-धीरे ये द्वीप वीरान होने लगा. बता दें कि ये द्वीप इटली के शहर वेनिस और लिडो के बीच वेनेशियन की खाड़ी में स्थित है. इस द्वीप पर अब कोई नहीं जाता. ऐसा कहा जाता है कि इस द्वीप पर अगर कोई चला गया तो वह जिंदा वापस नहीं आएगा.
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सरकार ने यहां बनवाया था मेंटल अस्पताल
हालांकि, इटली सरकार ने इस द्वीप पर एक मेंटल अस्पताल बनवाया. जिससे इस द्वीप पर लोग आने जाने लगे. लेकिन इस अस्पताल में काम करने वाली नर्स और डॉक्टर्स को भी आत्माओं का आभास होने लगा. उनका कहना था कि उन्हें यहां अजीबो गरीब आवाजें सुनाई देती हैं. और कई बार ऐसी अजीबो गरीब चीजें भी. यही नहीं कई बार तो मरीजों के परिजनों ने भी आत्माओं के दिखने की बात कही. इसके बाद सरकार को पागलों के इस अस्पताल को बंद कर दिया. साल 1960 में सरकार ने इस द्वीप को एक अमीर बिजनेसमैन को बेच दिया. लेकिन उसके परिवार के साथ भी कई हादसे हुए. उसके बाद इस द्वीप को हमेशा हमेशा के लिए खाली कर दिया गया.
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Source : News Nation Bureau