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इटली ने किया अजीब कारनामा, सफेद चादर से ढक दिया विशाल बर्फ का पहाड़

जी हां सही सुना आपने ग्लेशियरों को ग्लोबल वार्मिग के प्रकोप से बचाने के लिए उन्हें ढक दिया गया है. दुनिया का ये अजीब कारनामा हुआ है इटली में.

Updated on: 24 Jun 2020, 09:38 AM

नई दिल्ली:

ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रकोप से ग्लेशियरों के पिछले की बात तो आप पहले भी सुन चुके होंगे. लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि ग्लेशियरों को सूरज की गर्मी से बचाने के लिए उन्हें ढक दिया जाए. जी हां सही सुना आपने ग्लेशियरों को ग्लोबल वार्मिग के प्रकोप से बचाने के लिए उन्हें ढक दिया गया है. दुनिया का ये अजीब कारनामा हुआ है इटली में. इटली ने इसे रोकने के लिए बेहतरीन तरीका निकाला है. दरअसल इटली के प्रेसेना ग्लेशियर को सूर्य की रोशनी रिफ्लेक्ट करने वाली सफेद रंग की जियोटेक्स्टाइल तारपोलीन शीट से ढका गया है जिससे ग्लोबल वॉर्मिंग से पिघलने की उसकी रफ्तार कम हो सके.

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1993 से एक तिहाई पिघल चुका है ग्लेशियर

रिपोर्ट के अनुसार इटली के अल्पाइन पहाड़ों पर स्थित प्रेसेना ग्लेशियर साल 1993 से लेकर अब तक एक तिहाई पिघल चुका है. ऐसे में इसको बचाने के लियें वहां की सरकार अब इस पर सफेद रंग की तिरपाल बिछा रही है, ताकि ग्लेशियर को पिघलने से बचाया जा सके. इस काम को करने के लिए इटली की सरकार ने एक कंपनी को दिया है. इस कंपनी का नाम कैरोसेलो टोनाले है. ग्लेशियर संरक्षण परियोजना पहली बार 2008 में इटालियन फर्म क्रोसेलो-टोनाले द्वारा शुरू की गई थी. इस ग्लेशियर की ऊंचाई 2700 मीटर यानी 8858 फीट से शुरू होकर 9842 फीट तक जाती है.

सितंबर के महीने तक इस ग्लेशियर पर बिछा रहेगा तिरपाल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2008 में प्रेसेना ग्लेशियर का 30 हजार वर्ग मीटर का हिस्सा तिरपाल से ढंका गया था. इस बार ग्लेशियर का 1 लाख वर्ग मीटर का हिस्सा तिरपाल से ढंका जा रहा है. लोम्बार्डी और ट्रेंटिनो अल्टो अदिगे क्षेत्रों के बीच लगभग 2,700 से 3,000 मीटर की ऊंचाई पर टीम ने लंबे स्ट्रिप्स को बिछना शुरू कर दिया है. एएफपी के अनुसार स्की सीजन खत्म होने और गर्मियों के शुरू होने के दौरान छह सप्ताह की इस प्रक्रिया को हर साल दोहराया जाता है. यह तिरपास सितंबर के महीने तक इस ग्लेशियर पर बिछा रहेगा.

ऑस्ट्रिया में ढंके हुए हैं ग्लेशियर कपनी के मुताबिक पूरे ग्लेशियर को ढंकने में करीब 6 हफ्ते का समय लगेगा. फिर इसे हटाने में भी 6 हफ्ते लगेंगे. तिरपाल को ग्लेशियर के ढलान पर रोकने के लिए ऊपरी और निचले हिस्से में रेत की बोरियों से दबाया जाता है, ताकि बर्फ पिघलने से यह फिसलकर नीचे न खिसके. इस प्रोजेक्ट में काम कर रहे डेविड पेनिज्जा ने कहा कि, कुछ ऑस्ट्रियाई ग्लेशियरों पर हमारे समान ग्लेशियर कवर सिस्टम लगाए हैं, लेकिन तिरपाल द्वारा कवर की गई वह सतह बहुत छोटी है.

एक शीट की कीमत 450 डॉलर

यह तिरपाल आम तौर पर उपयोग किए जाने वाले तिरपालों से अलग होते हैं. ये सूरज की रोशनी रिफ्लेक्ट करने में सक्षम होते हैं. इसे जियोटेक्स्टाइल तिरपाल कहते हैं. इस तिरपाल के नीचे सूरज की गर्मी नहीं पहुंचती. जिससे बर्फ पिघलने की गति धीरे हो जाते है. इस तिरपाल की एक शीट 5 मीटर चौड़ी और 70 मीटर लंबी है. इसे ऑस्ट्रिया में बनाया गया है, और इसकी एक शीट की कीमत 450 डॉलर यानी 34 हजार रुपए के आसपास है.