14 अरब रुपये का भारतीय खजाना समुद्र से 70 साल बाद निकला, डुबोने में था हिटलर का हाथ
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान एसएस गैरसोप्पा जहाज कलकत्ता से ब्रिटेन जा रहा था और इस जहाज पर लदी हुई चांदी का इस्तेमाल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने युद्ध में करने की योजना बनाई थी.
नई दिल्ली:
आजादी के पहले भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहा जाता है अगर इसका पता लगाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सिर्फ एसएस गैरसोप्पा जहाज (SS Gairsoppa) के बारे में जानने की जरूरत है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2011 में समुद्र में पुरातत्वविदों को डूबा हुआ एसएस गैरसोप्पा जहाज मिला था और इस जहाज से क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कितने रुपये की चांदी (Silver) निकाली गई होगी. 14 अरब रुपये की चांदी जी हां बिल्कुल सही सुना आपने 14 अरब रुपये की चांदी को इस डूबे हुए जहाज से निकाला गया था.
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कलकत्ता से ब्रिटेन जा रहा था एसएस गैरसोप्पा जहाज
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान एसएस गैरसोप्पा जहाज कलकत्ता से ब्रिटेन जा रहा था और इस जहाज पर लदी हुई चांदी का इस्तेमाल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने युद्ध में करने की योजना बनाई थी. तो आइए आपको इस रिपोर्ट में हम इस जहाज से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में बताने की कोशिश करते हैं. डेली एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एसएस गैरसोप्पा जहाज भारत से चांदी को लादकर आयरलैंड जा रहा था और रास्ते में इस जहाज का ईंधन खत्म हो गया. ऐसी स्थिति का फायदा उठाते हुए एक जर्मन यू बोट ने टॉरपीडो से इस जहाज के ऊपर हमला कर दिया.
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पानी में डूबने की वजह से 85 लोगों की चली गई थी जान
हमले की वजह से यह जहाज पानी में डूब गया और उस पर मौजूद 85 लोगों की जान चली गई. इस घटना के बाद सारा खजाना समुद्र में ही दफन हो गया. हालांकि साल 2011 में गोताखोरों के दल ने इस खजाने पता लगा लिया. फिलहाल इस खजाने की मौजूदा कीमत तकरीबन 14 अरब रुपये है. खजाने की खोज करने वाले समूह ओडसी मरीन ग्रुप के शोधकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने डूबे हुए जहाज से करीब 99 फीसदी चांदी को निकाल लिया है. ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ग्रेग स्टेम का कहना है कि यह बेहद चुनौतीपूर्ण अभियान था. दरअसल, डूबे हुए जहाज पर यह चांदी एक छोटे से कंपार्टमेंट के भीतर रखी गई थी और वहां तक पहुंचना काफी मुश्किल था.
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जर्मनी के हमले के बाद समुद्र में 3 हजार फुट नीचे डूब गया था एसएस गैरसोप्पा
ओडसी मरीन दल के अध्यक्ष मार्क गॉर्डन का कहना है कि हमारे दल ने समुद्र की इतनी गहराई से चांदी को निकालकर एक रिकॉर्ड कायम किया है. उनका कहना है कि समुद्र की इतनी गहराई से इससे पहले आज तक कोई भी वस्तु नहीं निकाली गई है. उनका कहना है कि 2013 में उत्तरी अटलांटिक में नाजियों के द्वारा डुबोए गए एक जहाज से 2.3 मिलियन पाउंड का खजाना निकाला जा चुका है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन को हुए नुकसान का अनुमान का पता लगाने वाले दस्तावेजों के अनुसार एसएस गैरसोप्पा जहाज पर जर्मन यूबोट के हमले के समय और भी चांदी थी. हालांकि उस चांदी का आज तक पता नहीं लग पाया है. बता दें कि जर्मनी के हमले के बाद एसएस गैरसोप्पा समुद्र में 3 हजार फुट नीचे डूब गया था, जो कि टाइटेनिक से भी ज्यादा गहराई है. आश्चर्य की बात यह है कि समुद्र में यह बहुमूल्य खजाना तकरीबन 70 साल तक दुनिया के नजरों से बचा रहा.
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