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भारतीय-अमेरिकी गणितज्ञ को बड़ा सम्मान, निखिल श्रीवास्तव ने 1959 की समस्या का निकाला हल 

भारतीय-अमेरिकी गणितज्ञ को सम्मान, निखिल श्रीवास्तव 1959 की प्रसिद्ध समस्या को हल करने वाले तीन लोगों में से हैं.

Updated on: 04 Dec 2021, 01:02 PM

वाशिंगटन:

बर्कले के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले मशहूर भारतीय-अमेरिकी गणितज्ञ निखिल श्रीवास्तव को संयुक्त रूप से अमेरिकन मैथमैटिकल सोसाइटी (एएमएस) द्वारा ‘ऑपरेटर थ्योरी’ में पहले सिप्रियन फोयस पुरस्कार के लिए चुना गया है. श्रीवास्तव के साथ दो अन्य पुरस्कार विजेताओं में एडम मार्कस और डेनियल स्पीलमैन का नाम भी शामिल है. एडम मार्कस स्विट्ज़रलैंड में इकोले पॉलीटेक्निक फेडेरेल डी लॉजेन (ईपीएफएल) में ‘कॉम्बिनेश्रियल एनालिसिस’ के अध्यक्ष पद पर हैं. वहीं  स्पीलमैन कंप्यूटर साइंस के चर्चित प्राध्यापक, सांख्यिकी और डेटा विज्ञान तथा गणित  के प्रोफेसर भी हैं.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह पुरस्कार उनके अत्यधिक मौलिक कार्य को मान्यता प्रदान करता है, इसमें मैट्रिसेस के विशिष्ट बहुपद को समझने के तरीकों को सामने रखा गया और विकसित करा गया. इनमें ‘इटिरेटिव स्पार्सीफिकेशन’ विधि (बैट्सन के सहयोग से भी) और बहुपदों को जोड़ने की विधि यानी ‘इंटरलेसिंग पोलीनोमियल्स’ शामिल हैं.

अमेरिकन मैथमैटिकल सोसाइटी ने बताया, “ इन विचारों ने कई अनुप्रयोगों के साथ एक शक्तिशाली टूलकिट प्रदान किया, विशेष रूप से तीनों के बेहद सफल शोध पत्र "इंटरलेसिंग परिवार II: मिश्रित विशेषता बहुपद और कैडिसन-सिंगर प्रॉब्लम" (गणित के इतिहास, 2015) में, जो ऑपरेटर सिद्धांत में प्रसिद्ध "पेविंग प्रॉब्लम" को हल करने के साथ, जिसे 1959 में रिचर्ड कैडिसन और इसाडोर सिंगर द्वारा सूत्रित किया गया था.”

एक संयुक्त बयान में तीनों पुरस्कार विजेताओं ने कहा कि वे उन कई लोगों की ओर  से इसे स्वीकार करना चाहते हैं, जिनके काम ने कैडिसन-सिंगर प्रॉब्लम के समाधान   में योगदान दिया.