इंडिया फॉर मदर्स, विकास खन्ना के फीड इंडिया के समर्थन में इंडिया गेट और टिस्का की पहल
टिस्का चोपड़ा ने हैशटैंग इंडिया फॉर मदर्स की लॉन्चिंग के साथ ही खन्ना की पहल का समर्थन किया है, जिसमें माताओं को लाभ पहुंचाने के लिए अधिक से अधिक संख्या में चावल की आपूर्ति सुनिश्चित करने का काम किया जा रहा है.
highlights
- इंडिया फॉर मदर्स पहल सभी माताओं को हमारी हाथ जोड़कर श्रद्धांजलि है
- उन्होंने कहा, ये वे महिलाएं हैं, जिन्होंने हमारे जीवन को आकार दिया है
नई दिल्ली:
भारत अधिक से अधिक संख्या में विधवाओं और ट्रांसजेंडरों का घर है और हम भारतीय उन्हें प्यार से मां कहते हैं. इस मदर्स डे पर टिस्का चोपड़ा की ओर से इंडिया गेट एंड टिस्काज टेबल, मिशेलिन स्टार शेफ विकास खन्ना की पहल हैशटैग फीड इंडिया के समर्थन में आगे आई. उन्होंने हैशटैंग इंडिया फॉर मदर्स की लॉन्चिंग के साथ ही खन्ना की पहल का समर्थन किया है, जिसमें माताओं को लाभ पहुंचाने के लिए अधिक से अधिक संख्या में चावल की आपूर्ति सुनिश्चित करने का काम किया जा रहा है. वे देश के विभिन्न हिस्सों में प्रमुख रूप से वाराणसी, वृंदावन, दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में कम से कम 5,000 ऐसे परिवारों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखे हुए हैं. विधवाओं के लिए एनजीओ की विभा और ग्लोबल फंड इस परियोजना को जमीन पर लागू करने में मदद कर रहे हैं और जरूरत के हिसाब से अधिकतम माताओं तक पहुंच स्थापित करने में मदद कर रहे हैं. इंडिया गेट ने एक छोटा सा वीडियो भी जारी किया, जिसमें जीवन की विभिन्न भूमिकाओं में मजबूत महिलाओं को दिखाया गया है और इस कठिन समय के दौरान उन्हें हैप्पी मदर्स डे की शुभकामनाएं दी गईं. अभिनेत्री टिस्का चोपड़ा ने साझा किया, "ये ऐसे समय है, जब हम सभी को एकजुट होने और इस दूसरी लहर के खिलाफ लड़ने की जरूरत है, जो मजबूत है. हम टिस्काज टेबल (टिस्का की टेबल) पर अपनी माताओं को खिलाने और समर्थन करने के लिए हैशटैग इंडिया फॉर मदर्स अभियान का एक हिस्सा होने पर गर्व करते हैं. मैं इस पहल के लिए इंडिया गेट और विकास खन्ना के साथ मिलकर खुश हूं."
शेफ विकास खन्ना ने कहा, "राशन और अन्य आवश्यकताओं के साथ अपने साथी नागरिकों का समर्थन करने के लिए महामारी के दौरान पिछले साल हैशटैग फीड इंडिया पहल के साथ यह सब शुरू हुआ था. हम 3 करोड़ से अधिक लोगों से संपर्क बनाने में सक्षम रहे. इस साल दूसरी लहर के साथ, संकट बड़ा है. इंडिया फॉर मदर्स हमें न केवल कई माताओं तक पहुंचने में मदद करता है, बल्कि समाज को प्रोत्साहित करता है कि वे उनकी उपेक्षा न करें. मैं लगातार समर्थन के लिए बलों और इंडिया गेट से जुड़ने के लिए टिस्का का आभार व्यक्त करता हूं." इंडिया गेट के बिजनेस हेड आयुष गुप्ता ने कहा, इंडिया गेट पर, हम अपने आप को समाज के साथ साझा करने और देखभाल करने के पुराने भारतीय मूल्यों के साथ गहराई से जोड़ते हैं. इंडिया फॉर मदर्स हमारी विशेष पहल है कि इस मदर्स डे पर हम उनके प्रति अपना समर्थन प्रदर्शित करें और अपने जीवन में उन सभी मजबूत महिलाओं के लिए जश्न मनाएं, जिन्हें हम मां, मौसी, नानी मां या बड़ी मां के रूप में संबोधित करते हैं.
उन्होंने कहा, ये वे महिलाएं हैं, जिन्होंने हमारे जीवन को आकार दिया है और यह समय है कि हम इस कठिन समय में उनके हाथों को थामें और उनकी रक्षा करें. इंडिया फॉर मदर्स पहल सभी माताओं को हमारी हाथ जोड़कर श्रद्धांजलि है और टिस्का तथा विकास ने इसके लिए हाथ मिलाया, हमारा उद्देश्य सिर्फ मदद करना नहीं बल्कि माताओं के प्रति कई लोगों को जागरूक करना भी है. ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा, "मैं इंडिया गेट की पहल इंडिया फॉर मदर्स के साथ जुड़कर ट्रांसजेंडर समुदाय तक पहुंचने और उन्हें इस कठिन समय में खाना मुहैया कराने के लिए सम्मानित महसूस कर रही हूं. मैं टिस्का चोपड़ा, इंडिया गेट और विकास खन्ना को धन्यवाद देना चाहती हूं कि उन्होंने हमें इन कठिन समय में याद किया और समुदाय के लिए अपना योगदान दिया." यह सब पिछले साल अप्रैल में विकास खन्ना द्वारा हैशटैग फीड इंडिया पहल के साथ शुरू हुआ था. पिछले साल फीड इंडिया पहल के माध्यम से, बरकत कथित तौर पर दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य अभियान बन गया. पहले के तहत दिल्ली में एक दिन में 20 लाख भोजन के पैकेट परोसे गए. फीड इंडिया ने 3 करोड़ से अधिक लोगों की सेवा की, जिसमें इंडिया गेट सहित कई ब्रांडों के समर्थन के साथ अलग-अलग श्रेणी जैसे दिव्यांग, ट्रांसजेंडर (किन्नर), सेक्स ट्रैफिकिंग के पीड़ित, एचआईवी पॉजिटिव लोग शामिल रहे. हैशटैग इंडिया फॉर मदर्स इंडिया गेट एंड टिस्का की टेबल द्वारा टिस्का चोपड़ा की ओर से हमारी माताओं को खिलाने के लिए हैशटैग फीड इंडिया का समर्थन करने के लिए एक पहल है.
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