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court( Photo Credit : News Nation)
मुंबई में कोर्ट ने एक व्यक्ति को अपनी नाबालिग बहन से रेप के आरोप में सजा सुनाई थी. आरोपी भाई दो साल से जेल में बंद था. अब उसकी बहन ने कोर्ट में स्वीकार किया कि उसने झूठ बोलकर अपने भाई को फंसाया था. ये केस वर्ष 2019 में शुरू हुआ था. तब एक नाबालिग लड़की ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. नाबालिग लड़की ने कहा था कि वर्ष 2017 में जब वह घर में नहीं थी, तब उसके भाई ने उससे बलात्कार किया. बाद में वर्ष 2018 में दोबारा मौका मिलने पर फिर से बलात्कार किया. यह मामला कोर्ट में पहुंचा तो लड़की के बयान, पुलिस जांच और दो गवाहों के बयान के आधार पर कोर्ट ने युवक को सजा सुनाई. आरोपी युवक दो साल तक जेल में कैद रहा. अब उसकी बहन ने ढिंढोशी की स्पेशल कोर्ट में आकर स्वीकार किया कि उसके भाई ने रेप नहीं किया था. दरअसल, वह अपने बॉयफ्रेंड के साथ घूमने जाती थी. यह बात उसके भाई को अच्छी नहीं लगती थी. उसके भाई ने कई बार उसकी और उसके बॉयफ्रेंड को पीटा था. इसी से नाराज होकर उसने भाई के खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज करा दी थी. इस बयान के बाद कोर्ट ने आरोपी युवक को रिहा कर दिया है. वहीं, युवक की बहन ने ये भी बताया कि मुकदमा दर्ज कराते वक्त उसकी मेडिकल जांच नहीं हुई थी.
वहीं, इस घटना के बाद तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. दो वर्ष तक युवक का जो नुकसान हुआ, क्या अब उसकी भरपाई हो सकेगी. वहीं तमाम सामाजिक विशेषज्ञों ने भी इस तरह की घटना पर चिंता जताई है. डॉ. मनस्वी अस्थाना का कहना है कि इस तरह के झूठे आरोपों और घरेलू संबंधों में दरार की घटनाएं बढ़ रही हैं. यह भविष्य के लिेए अच्छा संकेत नहीं है. वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता धर्मवीर का कहना है कि शहरीकरण और आधुनिकीकरण का यह साइड इफेक्ट है कि लोग अपने ही परिजनों तक पर झूठे आरोप लगा रहे हैं. इसका प्रमुख कारण भावनात्मक लगाव का खत्म होना है. वहीं, गौरव गौड़ कहते हैं कि झूठी शिकायतों के भी कई मामले अब तेजी से सामने आ रहे हैं. इसके लिए कोई समाधान निकालना बहुत आवश्यक है.
HIGHLIGHTS
- बहन के सच्चाई बताने पर रिहा हुआ भाई
- वर्ष 2019 में सुनाई गई थी मुंबई में सजा
- स्पेशल कोर्ट के सामने लड़की ने स्वीकार की सच्चाई