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तम्बाकू खाने के बाद किया यह काम तो जाना पड़ेगा 6 महीने के लिए जेल

झारखंड के हजारीबाग में जिला उपायुक्त भुवनेश प्रताप सिंह ने एक ऐसा आदेश जारी किया है, सुर्खियों में आ गया है.

Updated on: 11 Apr 2020, 07:51 PM

हजारीबाग:

झारखंड के हजारीबाग में जिला उपायुक्त भुवनेश प्रताप सिंह ने एक ऐसा आदेश जारी किया है, सुर्खियों में आ गया है. उपायुक्त ने आदेश जारी कर जिले के सभी सरकारी, गैर सरकारी कार्यालय एवं परिसर, सभी स्वास्थ्य संस्थान, सभी शैक्षणिक संस्थान, थाना परिसर, कोई भी क्षेत्र आदि में किसी भी प्रकार का तंबाकू पदार्थ, सिगरेट, खैनी, गुटखा, पान मसाला, जर्दा खाने पर बैन लगा दिया है. लेकिन अगर किसी ने आदेस का उल्लंघन किया तो उसे 6 महीने तक जेल की हवा खानी पड़ सकती है. उपायुक्त ने आदेश में कहा कि यदि कोई भी अधिकारी, कर्मचारी अथवा आगंतुक इसका उल्लंघन करते हैं तो उनके खिलाफ कानून के अनुरूप कार्रवाई होगी.

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दरअसल, खैनी और गुटका खाकर यत्र तत्र थूकने से कोरोना वायरस के फैलने का खतरा ज्यादा है. वर्तमान में कोरोना संक्रमण ने महामारी का रूप ले लिया है. हजारीबाग जिला में मामले भी पाए गए हैं. लिहाजा ऐसे में आमजनों से अपील की गई है कि तम्बाकू का इस्तेमाल नहीं करें और एक स्वच्छ, सभ्य समाज बनाने में सहयोग करें. उपायुक्त ने इस कानून का अनुपालन सुनिश्चित कराने एवं उल्लंघन करने पर कार्रवाई का निर्देश दिया है. साथ ही सभी सरकारी / गैर सरकारी परिसरों में उक्त आशय का बोर्ड लगवाने के निर्देश दिया है.

विदित हो कि कोरोना संक्रमण को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी घोषित कर दिया है. इससे बचाव के लिए झारखंड सहित पुरे देश में जहां लॉकडाउन किया गया है वहीं कई तरह के दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं. तंबाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए बड़े खतरों में से एक है. थूकना एक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा है और संचारी रोग के फैलने का एक प्रमुख कारण है. तंबाकू सेवन करने वाले की प्रवृति यत्र-तत्र थूकने की होती है.

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आदेश के अनुसार, थूकने के कारण कई गंभीर बीमारी यथा कोरोना, इंसेफलाइटिस, यक्ष्मा, स्वाइन फ्लू आदि का संक्रमण फैलने की आशंका रहती है. भा.द.वि. (IPC) की धारा 268 एवं 269 के तहत कोई भी व्यक्ति यदि महामारी के अवसर पर उपेक्षापूर्ण अथवा विधि विरूद्ध कार्य करेगा, जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रमण हो सकता है तो उसे छह माह का कारावास एवं अथवा 200 रुपये जुर्माना किया जा सकता है.

झारखंड में तम्बाकू नियंत्रण हेतु राज्य सरकार की तकनीकी संस्थान सोसिओ इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलोपमेन्ट सोसाइटी (सीड्स) ने उम्मीद जताई है कि इससे तम्बाकू के उपयोग में कमी आएगी साथ ही कोरोना जैसी महामारी फैलने का खतरा कम रहेगा. हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संघठन और भारत सरकार द्वारा प्रकाशित GATS 2 के सर्वे में झारखंड में तम्बाकू सेवन करने वालों में कमी आई है, यह आंकड़ा पिछले 7-8 साल में 50.1% से घट कर 38.9% हो गया है. जिसमें तम्बाकू सेवन करने वालों का प्रतिशत 35.4% है.