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मुग़ल साम्राज्य में कोतवाल के पास कितनी शक्तियां होती थी, आखिर क्या काम होता था?

मुगल साम्राज्य में कोतवाल ने क्या करता था? कोतवाल के पास कितनी शक्तियां होती थी. क्या उसने सीधे सम्राट को रिपोर्ट करनी होती थी?

Updated on: 19 Jul 2023, 07:25 AM

नई दिल्ली:

मुगलों के बिना भारत का इतिहास अधूरा है. भारतीय इतिहास में मुगल वंश का बहुत महत्व है. मुगलों ने लगभग 200 वर्षों तक भारत पर शासन किया. इस दौरान कई शासक क्रूर मिले और कुछ नरम दिल के मिले. इतिहासकारों के अनुसार कहा जाता है कि मुगल साम्राज्य में अगर कोई दिल वाला राजा था तो वह अकबर था. उनके शासनकाल में कई व्यवस्थाओं में सुधार हुआ है. आज हम इस लेख के माध्यम से बात करेंगे कि मुगल साम्राज्य में कोतवाल की क्या भूमिका थी?

मुग़ल साम्राज्य का पूर्ण नियंत्रण सम्राट के हाथ में होता था. ऐसे में साम्राज्य में क्या होगा यह राजा तय करता था, लेकिन राज्य या देश को चलाने के लिए एक व्यवस्था होती है, जो राजा से लेकर ज़मीन तक काम करती थी. जैसे आज हम जानेंगे कि मुगल साम्राज्य में कोतवाल की क्या भूमिका थी. आखिर कोतवाल क्या करते थे?

हर घर की जानकारी
मीराते अहमद नामक ग्रंथ में इसके बारे में विस्तार से बताया गया है. इस ग्रंथ के अनुसार, वह अकबर की ओर से कोतवाल के लिए निर्धारित कार्यों का उल्लेख करता था. बताया गया है कि कोतवाल को लिपिकों की मदद करनी होती थी. उन्हें मकानों की एक सूची तैयार करनी होती थी. इसके साथ ही यह भी दर्ज करना होता था कि घर में कितने लोग रहते हैं. कोतवाल यह पता लगाता था कि घर में कितने काम करने वाले लोग हैं. कितने सिपाही हैं और कितने दर्वेश हैं.

महंगाई पर चाबुक चलाना
साम्राज्य में गुप्तचर भी फैले हुए थे, जो राज्य की ख़बरें कोतवाल को ही दिया करते थे. कोतवाल लोगों की आय-व्यय पर भी नजर रखते था. वह यह देखता था कि किसी व्यक्ति के पास आय से अधिक संपत्ति तो नहीं. अगर ऐसा कोई मिल जाता था तो उस पर जांच बैठा दी जाती थी. वही सबसे बड़ी जिम्मेदारी थी कि अगर राज्य में महंगाई बढ़ रही है तो उसे नियंत्रित करना था और वस्तुओं की कीमत तय करनी.