History of Kiss: किस (Kiss) एक ऐसा साधारण और यूनिवर्सल हाव-भाव है जो स्नेह, प्रेम, और सम्मान के विभिन्न रूपों को व्यक्त करने के लिए उपयोग किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि किस की शुरुआत कहां से हुई थी और इसका विकास कैसे हुआ? इस आर्टिकल में हम किस के इतिहास, सांस्कृतिक महत्व, और वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर विस्तार से चर्चा करेंगे. भारतीय सभ्यता के मुताबिक, किस के शुरुआती उल्लेख भारत की प्राचीन संस्कृतियों में मिलते हैं. 'वात्स्यायन कामसूत्र' में किस के विभिन्न प्रकार और उनके महत्व का उल्लेख किया गया है. ये ग्रंथ लगभग 3,500 साल पुराना है और इसमें किस को प्रेम की अभिव्यक्ति के रूप में दर्शाया गया है.
किस को तीनों भागों में बांटा गया है?
मेसोपोटामिया और मिस्र: प्राचीन मेसोपोटामिया और मिस्र की सभ्यताओं में भी किस के प्रमाण मिलते हैं. यहां किस को आधिकारिक दस्तावेजों में सम्मान और मित्रता की अभिव्यक्ति के रूप में देखा गया है. साथ ही प्राचीन यूनान में किस को एक आर्ट और साइंस के रूप में देखा गया. यहां किस को सामाजिक और धार्मिक समारोहों का हिस्सा बनाया गया. रोमन सभ्यता में चुंबन का महत्व और भी बढ़ गया. रोमनों ने किस को तीन भागों में विभाजित किया: 'ओस्कुलम' (दोस्ती की किस), 'बेसियम' (प्रेम का किस), और 'सावियम'.
ये भी पढ़ें- बाप रे बाप! भूत भी होते हैं कई प्रकार, ये रही पूरी लिस्ट
किस एक होता है रस्म
मध्यकालीन यूरोप में किस को धार्मिक और सामाजिक अनुष्ठानों का हिस्सा बनाया गया. यहां किस को सम्मान और अधीनता की अभिव्यक्ति के रूप में देखा गया. रईस और सामंतों के बीच चुंबन एक सम्मानजनक हाव-भाव था. पश्चिमी सभ्यता में चुंबन का महत्व अत्यधिक है. यहां चुंबन को प्रेम, स्नेह, और आकर्षण की अभिव्यक्ति के रूप में देखा जाता है. पश्चिमी विवाह समारोहों में 'किस द ब्राइड' (दुल्हन को किस करना) एक महत्वपूर्ण रस्म होती है. पूर्वी सभ्यताओं में चुंबन का महत्व भिन्न हो सकता है. उदाहरण के लिए, जापान और चीन में किस को निजी और गोपनीय माना जाता है और सार्वजनिक रूप से इसे स्वीकार नहीं किया जाता.
भारत में आज भी है खुलेआम किस पर पांबदी
भारतीय संस्कृति में किस को स्नेह और प्रेम की अभिव्यक्ति के रूप में देखा जाता है. हालांकि, सार्वजनिक स्थानों पर किस को आमतौर पर स्वीकार नहीं किया जाता और इसे व्यक्तिगत और गोपनीय माना जाता है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, किस एक महत्वपूर्ण बायोलॉजिकल हाव-भाव है. किस के दौरान, हमारे शरीर में ऑक्सीटोसिन, डोपामिन, और सेरोटोनिन जैसे 'खुशी' हार्मोन्स का स्त्राव होता है, जो हमें सुख और आनंद की अनुभूति कराते हैं.
देश और दुनिया की लेटेस्ट खबरें अब सीधे आपके WhatsApp पर. News Nation के WhatsApp Channel को Follow करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें: https://www.whatsapp.com/channel/0029VaeXoBTLCoWwhEBhYE10
Source : News Nation Bureau