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Household Spend: कोरोना महामारी 2021 में अपने चरम पर थी. लोग अपने घरों से बाहर निकल कर खरीदारी नहीं कर पा रहे थे. दुकानें भी बहुत कम खुला करती थीं. ऐसे में जब भारतीय इस महामारी से बाहर निकले तो कुछ प्रोडक्ट्स की ज्यादा खरीदारी कर डाली.

Household Spend: कोरोना महामारी 2021 में अपने चरम पर थी. लोग अपने घरों से बाहर निकल कर खरीदारी नहीं कर पा रहे थे. दुकानें भी बहुत कम खुला करती थीं. ऐसे में जब भारतीय इस महामारी से बाहर निकले तो कुछ प्रोडक्ट्स की ज्यादा खरीदारी कर डाली.

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Mohit Saxena
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Household Spend

Household Spend( Photo Credit : social media)

Household Spend: कोरोना महामारी 2021 में अपने चरम पर थी. लोग अपने घरों से बाहर निकल कर खरीदारी नहीं कर पा रहे थे. दुकानें भी बहुत कम खुला करती थीं. ऐसे में जब भारतीय इस महामारी से बाहर निकले तो कुछ प्रोडक्ट्स की ज्यादा खरीदारी कर डाली. सांख्यिकी मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक भारतीयों ने कपड़ों पर पैसे खर्च किए हैं. कपड़ों के लिए खर्च में  26 प्रतिशत का उछाल देखा गया है. वहीं शराब पर किया जाने वाला खर्च 14.3 फीसदी और इसके बाद फुटवियर पर खर्च 12.8 फीसदी के दर से बढ़ा है. वहीं खाद्य वस्तुओं पर होने वाला खर्च केवल सात फीसदी दर से बढ़ा है. 

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वित्त वर्ष 2021-22 में सांख्यिकी मंत्रालय के प्राइवेट फाइनल कंजम्प्शन एक्सपेंडिचर (PFCE) में हाउसहोल्ड और मंदिर गुरुद्वारों जैसे नॉन प्रॉफिट सर्विंग हाउसहोल्ड पर होने वाले खर्च को शामिल किया गया है. इस डाटा में 2021-12 को बेस ईयर के रूप में लिया गया है. डाटा के अनुसार, स्थिर मुल्य (Constant Price) के अनुरूप कपड़ों पर 2021-22 में किए जाने वाले खर्च में 26 फीसदी की दर से बढ़ोतरी हुई है. वहीं शराब पर होने वाले खर्च में 14.3 फीसदी की दर से उछाल देखा गया है. जूते-चप्पलों यानि फुटवियर पर भी खर्च में बढ़ोतरी देखी गई है. वहीं खाद्य वस्तुओं पर होने वाले खर्च में मात्र सात प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी हुई है.  

मौजूदा कीमतों को आधार बनाया जाए तो कपड़ों पर किए जाने वाले खर्च में 35 फीसदी, फुटवियर पर 19.76 फीसदी और शराब पर 19.16 फीसदी की दर से खर्च बढ़ा है. वहीं खाद्य वस्तुओं पर  खर्च 11 फीसदी से दर बढ़ा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ये आंकड़े कोरोना महामारी का असर कम होने के बाद सामने आया. दरअसल कोरोना के पहले फेज में लोगों ने अपने खर्चों पर लगाम लगाई थी. कोरोना से ढील मिलने के बाद खपत बढ़ती चली गई. खाद्य वस्तुओं पर खर्च का ग्रोथ  रेट कम होने लगा. इसका कारण है कि कोरोना के समय खाद्य वस्तुओं की डिमांड ज्यादा देखने को मिली थी.

Source : News Nation Bureau

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