Advertisment

फांसी वाली रस्‍सी से भी रातोंरात बदल सकती है आपकी किस्‍मत, जानिए क्या है इसके पीछे का रहस्य

तिहाड़ जेल में पवन जल्लाद ने जिस रस्सी से निर्भया के चारों हत्‍यारों को फांसी के फंदे पर लटकाया, अब उस रस्‍सी का क्‍या होगा? आपके मन में भी यह सवाल उठ रहा होगा न. फांसी के बाद उस रस्सी के उपयोग को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आती रही हैं.

author-image
Sunil Mishra
एडिट
New Update
hanging

फांसी वाली रस्‍सी रातोंरात बदल सकती है आपकी किस्‍मत( Photo Credit : IANS)

Advertisment

तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में पवन जल्लाद (Pawan Jallad) ने जिस रस्सी से निर्भया के चारों हत्‍यारों को फांसी के फंदे पर लटकाया, अब उस रस्‍सी का क्‍या होगा? आपके मन में भी यह सवाल उठ रहा होगा न. फांसी के बाद उस रस्सी के उपयोग को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आती रही हैं. इस रस्सी को लेकर कई तरह के अंधविश्वास भी प्रचलित हैं. दरअसल, ब्रिटेन (Britain) में जब फांसी दी जाती थी तो रस्सी जल्लाद ले जाता था. तब ब्रिटेन में यह धारणा प्रचलित हो गई कि अगर कोई इस रस्सा का टुकड़ा घर पर रख ले या उसका लॉकेट पहन ले तो उसकी किस्मत बदल सकती है.

यह भी पढ़ें : निर्भया केसः हैवानों के आखिरी 30 मिनट, रोए, जमीन पर लेटे और...

इतिहास में इस बात का जिक्र है कि ब्रिटेन में जल्लाद फांसी वाली रस्सी के टुकड़े करके उसे बेच देते थे. दूसरी ओर, लोग खुशी-खुशी उन्हें खरीद भी लेते थे. हालांकि 1965 में ब्रिटेन में फांसी पर रोक लगा दी गई थी. भारत में प्रचलित मान्‍यता के अनुसार, फांसी वाली रस्‍सी लीवर खींचने वाले जल्लाद को ही दे दी जाती है. कई देशों में इस रस्सी को छोटे टुकड़ों में काटकर जेल के डेथ स्क्वॉड को दे दिया जाता है, जिसमें बड़े अफसरों से लेकर निचले स्तर तक के गार्ड तक शामिल रहते हैं.

कोलकाता में जब यह खबर फैली तो नाटा मल्लिक के घर के आगे लॉकेट की रस्सी खरीदने वालों की भीड़ लग गई. नाटा मल्लिक ने 2004 में धनंजय को फांसी दी तो उसने फांसी के फंदे की रस्सी को छोटे टुकड़ों में काटकर बेचा. कोलकाता के डेथ पेनल्टी एसोसिएशन ने इसे अंधविश्वास बताते हुए कहा कि जल्लाद को ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है. कोलकाता के मंदिरों में भी इसका बहुत विरोध हुआ था.

यह भी पढ़ें : कमलनाथ सरकार के पास बहुमत नहीं, दिग्‍विजय सिंह ने दिया बड़ा बयान

फिर भी नाटा मल्लिक ने ऐसी रस्सियां बेचीं. एक लॉकेट की रस्सी उसने करीब 2000 रुपये तक बेची. उसके पास पुरानी फांसी दी गईं रस्सियां भी थीं. इसकी लॉकेट वो 500 रुपये में बेचता था. उसने घर के बाहर एक तौलिए को फांसी की गांठ की शक्ल में टांग रखा था.

उस समय बंगाल में यह अंधविश्वास फैल गया था कि फांसी वाली रस्सी का लॉकेट पहनने से किस्मत पलट जाती है. मसलन आपके पास नौकरी नहीं है तो रोजगार मिल जाता है. कर्ज में दबे हैं तो इससे छुटकारा मिल जाएगा. बेहतर दिन शुरू हो जाएंगे. व्यापार में घाटा हो रहा है तो किस्मत बदल जाती है.

यह भी पढ़ें : निर्भया के हत्‍यारों को फांसी होते ही इस नारे से गूंज उठा तिहाड़ जेल के बाहर का इलाका

हालांकि कई बार इस रस्सी को जला दिया जाता है. जब विवादित कैदी या बड़े आतंकवादी को फांसी दी जाती है तो फांसी वाली रस्सी को भी तत्‍काल नष्ट कर दिया जाता है.

Source : News Nation Bureau

Pawan Jallad Nirbhaya Rape Delhi Gangrape Hanging Rope Tihar jail
Advertisment
Advertisment
Advertisment