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दूल्हे ने शादी के कार्ड पर की 'एमएसपी' गारंटी कानून की मांग, छपवाए 1500 कार्ड

प्रदीप कालीरामणा ने बताया कि मैं अपनी शादी के कार्ड के माध्यम से एक संदेश देना चाहता हूं कि किसान आंदोलन की जीत अभी पूरी तरह से नहीं हुई है.

Updated on: 22 Jan 2022, 10:41 AM

highlights

  • कार्ड पर ट्रैक्टर और 'नो फार्मर्स, नो फूड' का चिन्ह भी
  • किसान आंदोलन के खात्मे के बाद भी मांगों पर समर्थन
  • भिवानी के प्रदीप ने छपवाए शादी के 1500 कार्ड

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कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन को स्थगित हुए महीने भर से ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन किसानों की सरकार से मांग अभी भी जारी है. ऐसे में हरियाणा के व्यक्ति ने अपनी शादी के कार्ड पर एमएसपी कानून की गारंटी की मांग की है. हरियाणा के भिवानी जिले के निवासी प्रदीप कालीरामणा की 9 फरवरी को शादी है. उन्होंने 1500 शादी के कार्ड भी छपवाए हैं और इन्ही कार्ड पर उन्होंने लिखवाया है, जंग अभी जारी है, एमएसपी की बारी है. इसके अलावा कार्ड पर ट्रैक्टर और 'नो फार्मर्स, नो फूड' का चिन्ह भी बनवाया है.

प्रदीप कालीरामणा ने बताया कि मैं अपनी शादी के कार्ड के माध्यम से एक संदेश देना चाहता हूं कि किसान आंदोलन की जीत अभी पूरी तरह से नहीं हुई है. किसानों की जीत तभी मानी जाएगी जब सरकार किसानों को एमएसपी कानून की गारंटी पर लिखित में दे देगी. बिना एमएसपी कानून के किसानों के पास कुछ नहीं है. किसानों की शहादत और उनका बलिदान भी तभी पूरा होगा. उन्होंने बताया कि  किसान आंदोलन के दौरान वह दिल्ली की सीमाओं पर आते रहे और किसानों को अपना समर्थन भी दिया था इसलिए मैंने 1500 शादी के कार्ड छपवाए हैं जिसपर यह लिखा हुआ है.

दरअसल कृषि कानून 5 जून, 2020 को केंद्र सरकार ने तीन कृषि विधेयकों को संसद के पटल पर रखा और 20 सितंबर को लोकसभा के बाद इसे राज्यसभा में पारित किया गया था. वहीं कृषि कानूनों के विरोध में शुरू हुआ यह आंदोलन 13 महीने तक दिल्ली की सीमाओं पर चला. आखिर में मोदी सरकार ने कृषि कानून वापस ले लिए थे. इसके बाद किसानों की अन्य मांगों पर किसानों और सरकार के साथ समझौता भी हुआ.