असम सरकार ने शादियों का रजिस्ट्रेशन करवाने को बढ़ावा देने और बाल विवाह को रोकने के उद्देश्य से अरुंधति स्वर्ण योजना शुरू की है. इस योजना के तहत राज्य की हर लड़की की शादी में 10 ग्राम सोना (Gold) गिफ्ट में दिया जाएगा. यह स्कीम अगले साल जनवरी से शुरू होगी. राज्य के वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सरमा के मुताबिक अरुंधति स्वर्ण योजना का लाभ पाने के लिए कुछ शर्तें भी हैं. हर वयस्क दुल्हन, जिसने कम से कम 10वीं की पढ़ाई की है और अपनी शादी को रजिस्टर्ड कराया है, उसे 10 ग्राम सोना उपहार स्वरूप भेंट करेगी.
- इस योजना लाभ लेने के लिए दुलहन के परिवार की सालाना आमदनी 5 लाख रुपये से कम होनी चाहिए. अरुंधति स्वर्ण योजना का लाभ लड़की की पहली बार शादी पर ही मिलेगा और इसे स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत रजिस्टर कराना होगा.
- मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि Arundhati Gold Scheme के तहत सोना फिजिकल फॉर्म में नहीं दिया जाएगा. शादी के रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन के बाद 30,000 रुपये दुल्हन के बैंक अकाउंट में जमा किए जाएंगे. इसके बाद उसे सोने की खरीद की रसीद सबमिट करनी होगी. इन पैसों का इस्तेमाल अन्य किसी उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकता.
- 10 ग्राम सोने के लिए 30,000 रुपये का अमाउंट पूरे साल सोने की औसत कीमत पर गौर करने के बाद तय किया गया है. इस हर बजट में संशोधित किया जाएगा. शादी को डिप्टी कमिश्नर्स के ऑफिसेज के अलावा सर्किल ऑफिसेज में भी पंजीकृत कराने की अनुमति दी जाएगी.
- अरुंधति स्वर्ण योजना से सरकारी खजाने पर सालाना करीब 800 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. अभी असम सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में इस योजना पर तीन महीनों के लिए 300 करोड़ बजट रखा है.
- शैक्षणिक योग्यता वाली शर्त उन लड़कियों पर लागू नहीं होगी, जो चाय बागान समुदाय और आदिवासी समुदाय से हैं. इसकी वजह है कि सरकार ऐसी जगहों पर हाईस्कूल स्थापित करने में सक्षम नहीं है. इसके अलावा शैक्षणिक और वित्तीय योग्यता समेत सभी शर्तें दूल्हे पर लागू नहीं होती हैं.
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शादी के रजिस्ट्रेशन बढ़ाना है मकसदः राज्य के वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि हम लोग विवाह रजिस्टर्ड यानी पंजीकृत पाए जाने पर प्रत्येक कन्या को उसके विवाह के दौरान एक तोला (10 ग्राम) सोना देंगे. हमारा फोकस सोना देकर वोट बटोरना नहीं है बल्कि विवाह रजिस्टर कराना है.
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बिस्व सरमा ने कहा कि असम में हर साल करीब तीन लाख शादियां होती हैं लेकिन सिर्फ 50,000-60,000 ही पंजीकृत होती हैं. उम्मीद है कि इस योजना के लॉन्च होने के बाद पंजीकृत विवाह का आंकड़ा 2-2.5 लाख पर पहुंच जाएगा.