logo-image

ब्रिटेन में 32 करोड़ वर्ष पुराना गोजर का जीवाश्‍म मिला, 8.9 फुट है लंबा

यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्र‍िज के विशेषज्ञ नील डेविस का कहना है कि यह एक बड़ी खोज  है। यह गोजर होविक बे तट पर गिरकर खुद पत्‍थर जैसा बन गया है.

Updated on: 22 Dec 2021, 11:10 AM

highlights

  • अर्थरोपलेउरा का जीवाश्‍म सबसे पहले जनवरी 2018 ​में मिला था
  • कैंब्र‍िज के विशेषज्ञ नील डेविस का कहना है कि यह एक पूरी खोज की तरह है

लंदन:

उत्‍तरी इंग्‍लैंड में अब तक के सबसे बड़े कनखजूरे या गोजर का जीवाश्‍म सामने आया है. इस कनखजूरे का आकार एक कार के बराबर है. यह सिर से लेकर पूंछ तक 8.9 फुट लंबा है. ऐसा बताया जा रहा है कि गोजर का यह जीवाश्‍म 32 करोड़ 60 लाख वर्ष पुराना है. इस गोजर (Arthropleura) को नॉर्थअंबरलैंड के होविक बे समुद्री तट पर पाया गया है. इस नई खोज के बाद यह दुनिया का सबसे लंबा गोजर बन गया है. ये गोजर प्राचीन काल में समुद्री बिच्‍छू थे. अर्थरोपलेउरा का जीवाश्‍म सबसे पहले जनवरी 2018 ​में मिला था. यह कनखजूरा होविक बे तट पर गिरकर खुद पत्‍थर जैसा बन गया है. यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्र‍िज के विशेषज्ञ नील डेविस का कहना है कि यह एक पूरी खोज की तरह है. उन्‍होंने कहा क‍ि जिस तरह से पत्‍थर गिरा, उसमे खुले में दरार दिखने लगी और पूरा जीवाश्‍म सामने आ गया.

गोजर मिलना दुर्लभ मामला

डेविस का कहना है ​कि उनका एक पीएचडी का पूर्व छात्र यहां से गुजर रहा था. उसने इसे सबसे पहले देखा था. इस जीवाश्‍म को मई 2018 में पत्‍थर से निकाला गया. इसके लिए टीम ने सभी तरह की अनुमति ली. डेविस के अनुसार,'यह अविश्‍वसनीय खोज है लेकिन यह जीवाश्‍म बहुत बड़ा है और उसे उठाने में 4 लोगों की सहायता लेनी पड़ी.  इसे जांच के लिए कैंब्रिज लाया गया. जांच टीम के अनुसार जीवाश्‍म एक प्राचीन नदी के पास जमा किए एक तलछट में सुरक्षित था.

डेविस के अनुसार इस तरह का गोजर मिलना सबसे दुर्लभ माना गया है. उन्‍होंने कहा क‍ि अभी तक इस जीवाश्‍म से सिर का पता नहीं चला है. इस कारण उनके बारे में हर चीज जानना बहुत कठिन है. इस खोज से यह पता चलता है कि ये कनखजूरे तट के पास खुले लकड़ी के इलाके में बड़ी तादात में मौजूद थे. इस जीवाश्‍म को नए साल में प्रदर्शित किया जा रहा है.