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Fog Saving Life: जानलेवा नहीं कोहरा, कई देशों में लोगों को दे रहा जीवन, रहता है इंतजार

कोहरे के नाम सुनते ही एक बार तो मन में डर का परेशानी का ही ख्याल आता है.

Updated on: 19 Dec 2022, 02:06 PM

highlights

  • इन देशों में प्रदूषण नहीं फैलाता कोहरा
  • जानलेवा नहीं बल्कि जान बचाने वाला है कोहरा
  • कोहरे को पानी में बदल रहे दुनिया के कई देश

नई दिल्ली:

Fog Saving Life: कोहरे के नाम सुनते ही एक बार तो मन में डर का परेशानी का ही ख्याल आता है. क्योंकि कोहरे के चलते हमने कभी कोई फायदा होते नहीं सुना है. कोहरे का नाम जब भी लिया गया है, या तो इससे ट्रेनों या विमानों के कैंसिल होने की जानकारी मिलती है या फिर कोहरे की वजह से लोगों की जान जाने या फिर फसलों के नुकसान तक की भी खबरें सामने आती हैं. यही नहीं कोहरे को प्रदूषण का भी एक बड़ा कारण माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोहरे की वजह से भारत में लोग जितना परेशान होते हैं उतना ही दुनिया के कुछ देशों को इसका बेसब्री से इंतजार रहता है. चौंक गए ना, लेकिन ये हकीकत है. दुनिया के कई ऐसे देश हैं जो कोहरे का आने का इंतजार करत हैं क्योंकि यहां कोहरा जानलेवा नहीं बल्कि जीवन देने वाला है. आइए जानते हैं कैसे?

कोहरा बचाता है कई जिंदगियां 
दुनिया के कई देशों में कोहरा जीवन देने वाला है. यानी कई जिदंगियां बचाने में कोहरे का बड़ा रोल होता है. कहते हैं ना आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है. इसी आवश्यकता को कुछ देशों ने कोहरे के सहारे जीवन देने में बदल दिया.

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दरअसल जिन देशों में सूखे की समस्या ज्यादा रहती है, वहां कोहरा किसी वरनदान से कम नहीं है. क्योंकि इन देशों के लोग कोहरे को पकड़कर रखते हैं और इसको वाटर हार्वेस्टिंग यानी जल संरक्षण के तौर पर इस्तेमाल करते हैं.  सालभर में जितने दिन भी कोहरा आता है उसे आने वाले समय के लिए बतौर पानी के तौर पर हार्वेस्ट किया जाता है. ताकि आने वाले दिनों में इसे इस्तेमाल किया जा सके. 

कोहरा बना वरदान
कोहरा को एक वरदान के रूप में मानने वाले देशों में सबसे बड़ा नाम है दक्षिण अफ्रीका का. यहां की रजाधानी कैपटाउन में भी सूखे की समस्या रहती है. ऐसे में जब कोहरा आता है तो हार्वेस्टिंग ही इनके लिए सबसे बड़ी मदद बनता है. 

'डे जीरो' जैसी स्थिति
हमारे देश में जिस तरह ड्राय डे पर शराब की बिक्री नहीं होती है, वैसे ही सूखे प्रभावित देशों में डे जीरो होता है. लेकिन इस दौरान पीने का पानी उपलब्ध नहीं रहता है. इस दिन शहर के पास पीने का पानी भी नहीं होता है. ऐसे में कोहरे के दौरान हार्वेस्ट पानी ही इनके लिए जीवनदायी बनता है. यही वजह है कि कैपटाउन समेत अन्य इलाके जो सूखा प्रभावित हैं वो फॉग कैचिंग से ही काम चला रहे हैं. 

इन देशों में भी कोहरे का फायदा
साउथ अफ्रीका के अलावा मैक्सिको, ओमान, इक्वाडोर समेत कई ऐसे देश हैं जहां कोहरा को अपनी आवश्यकता के मुताबिक पानी के लिए संग्रहित किया जा रहा है. यहां कोहरा जानलेवा नहीं बल्कि जीवन देने वाला बन गया है. 

ऐसे कोहरे से बनाया पानी
कोहरे से पानी बनाए जाने की शुरुआत अभी नहीं हुई है. कई देशों में इसकी शुरुआत 70 के दशक में की गई थी. दरअसल उस दौरान एक प्रयोग किया गया है. इसके तहत दो डिवाइस तैयार किए गए इन डिवाइस का काम था चलने वाली हवाओं में से फॉग को कैच करना और उसके नीचे लगे एक कंटेनर में डालना.

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इसे एकत्र करने पर पता चला कि कंटेनर में करीब 14 लीटर पानी जमा हो गया. उस दौरान ये मात्रा ज्यादा तो नहीं थी, लेकिन इससे समझ आ गया कि कोहरा कैसे उन्हें पानी की समस्या से निजात दिला सकता है. इसके बाद इस पर और प्रयोग किए जा रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा कोहरे से अधिकतम पानी एकत्र किया जा सके, क्योंकि शुरुआती तौर पर इसमें सिर्फ 3 फीसदी तक पानी ही जमा किया जा सकता था.