यह बिल्ली सिर्फ खाती है मछली, इसके शिकार पर है प्रतिबंध

पन्ना टाइगर रिजर्व में वन्य जीवों के मामलें में एक अद्भुत मछली खाने वाली दुर्लभ बिल्ली पहली बार कैमरा ट्रेप में कैद हुई है.

पन्ना टाइगर रिजर्व में वन्य जीवों के मामलें में एक अद्भुत मछली खाने वाली दुर्लभ बिल्ली पहली बार कैमरा ट्रेप में कैद हुई है.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Cat Fish

सामान्य बिल्ली से दोगुनी आकार की होती है यह बिल्ली.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

देश में कभी दूसरे सरिस्का के तौर पर पहचान बना चुके मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व की तस्वीर साल-दर-साल बदल रही हैं. यहां जहां बाघों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, वहीं अन्य वन्यप्राणियों की तादाद में भी इजाफा हो रहा है. यहां अब तो विलुप्त हो रही मछली खाने वाली बिल्ली जिसे 'फिशिंग कैट' कहते हैं, कैमरे में कैद हुई है. आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार पन्ना टाइगर रिजर्व में वन्य जीवों के मामलें में एक अद्भुत मछली खाने वाली दुर्लभ बिल्ली पहली बार कैमरा ट्रेप में कैद हुई है. 'फिशिंग कैट' की मौजूदगी टाइगर रिजर्व में खास मायने रखती है.

Advertisment

प्रतिबंधित है फिशिंग कैट का शिकार
पन्ना टाइगर रिजर्व के मध्य से तकरीबन 55 किलोमीटर तक प्रवाहित होने वाली केन नदी के आस-पास फिशिंग कैट की उपस्थिति के संकेत पहले भी मिले थे पर फोटो के रूप में पहला प्रमाण अभी मिला है. फिशिंग कैट की विशेषता है कि यह मछली को अपना भोजन बनाती है. आम तौर पर फिशिंग कैट की प्रजाति विलुप्त हो रही है. भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-एक के अनुसार फिशिंग कैट का शिकार किया जाना प्रतिबंधित है.

फिशिंग कैट से फिर चर्चा में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान
जीव वैज्ञानिक जो फिंशिग कैट पर रिसर्च और अध्ययन में रुचि रखते हैं, वे यहां आकर अध्ययन कर सकते हैं. पर्यटकों के लिए विभिन्न वन्य जीवों के साथ फिशिंग कैट आकर्षण का केंद्र बन रही है. ज्ञात हो कि पन्ना टाइगर रिजर्व में एक समय एक भी बाघ नहीं बचा था, तब दूसरे राष्ट्रीय उद्यानों से बाघ के जोड़े को लाया गया था, उसके बाद से यहां बाघों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है. अब यहां की स्थितियां तेजी से बदल रही हैं. फिशिंग कैट के नजर आने के बाद पन्ना का उद्यान फिर चर्चाओं में आ गया है.

आम बिल्ली से दोगुना होता है आकार
फिशिंग कैट यानी मछली को पकड़ने वाली बिल्ली की तादाद दिन पर दिन घटती जा रही है. भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, इंडोनेशिया समेत दुनिया के कई मुल्कों में तो यह विलुप्ति की कगार पर पहुंच गई है. घरेलू बिल्लियों से दोगुनी आकार वाली यह बिल्ली मुख्यत: दक्षिण और दक्षिणपूर्व एशियाई देशों में पाई जाती है. वनों के अंधाधुंध कटान ने फिशिंग कैट से उसका आशियाना छीन लिया है. इसके अलावा कृषि भूमि में कमी, मत्सय-पालन, अवैध शिकार और पशुधन मालिकों के साथ लगातार टकराव भी फिशिंग कैट की घटती संख्या के अहम कारण हैं. मुख्यत: आद्र्रभूमि और अनुकूलित क्षेत्र में पाई जाने वाली इस बिल्ली का मुख्य भोजन मछली होता है. इसी वजह से इनका नाम फिशिंग कैट पड़ा है. शारीरिक रूप से यह सामान्य बिल्लियों की तुलना में दोगुनी आकार की होती है. 

HIGHLIGHTS

  • मछली खाने वाली दुर्लभ बिल्ली पहली बार कैमरा ट्रेप में कैद
  • सामान्य बिल्लियों की तुलना में दोगुनी आकार की होती है
  • वन्य कानून के अनुसार फिशिंग कैट का शिकार है प्रतिबंधित
मध्य प्रदेश पन्ना रिजर्व madhya-pradesh Prohibit प्रतिबंधित शिकार Fishing Cat hunting Pana Reserve फिशिंग कैट
Advertisment