आजकल सोशल मीडिया पर खबरों का अंबार लगा है. कई ऐसी खबरे जिनका सच्चाई से दूर तक लेना-देना नहीं है. सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती है. जिसका खामियाजा सच्चाई सामने आने के बाद भुगतना पड़ता है. ऐसी ही एक योजना आजकर सोशल मीडिया पर जमकर सुर्खियां बटोर रही है. खबर में दावा किया गया है कि केन्द्र सरकार की रामबाण योजना के तहत कोरोना उपचार के लिए सरकार 4 हजार का नकद अनुदान दे रही है. खबर पढ़कर सैक़डों लोग सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं. इस दौरान उनकी सरकारी अधिकारियों से नोक-झौंक भी हो रही है. जब घटनाएं बढ़ने लगी तो सरकार की प्रेस सूचना ब्यूरो ने इस दावे को फर्जी करार दिया है. सरकार का कहना की सरकार ने इस तरह की कोई योजना नहीं चलाई है.
ऐसी कोई योजना नहीं
PIB के अनुसार ऐसी खबरे सोशल मीडिया पर डालकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है. प्रधानमंत्री रामबाण सुरक्षा नाम से कोई ऐसी योजना नहीं चलाई जा रही है. जिसके तहत कोरोना के उपचार के लिए अनुदान का प्रावधान हो. साथ ही सरकार ने आगह भी किया है कि ऐसा दावा करने वाली किसी भी वेबसाइट पर अपनी निजी जानकारी साझा न करें. सरकार भी ऐसी फर्जी खबर देने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करेगी. डिजिटली युग में लोगों को सतर्क रहने की जरुरत है.
फ्रॅाड का तरीका
दरअसल, जालसाजों ने फ्रॅाड का ये नया तरीका इजाद किया है. जिसमें सोशल मीडिया पर कई भ्रामक सूचनाएं देकर वेबसाइट के लिंक दिये जाते हैं. साथ ही यूजर से जानकारी साझा करने की अपील की जाती है. लेकिन बाद में यूजर्स की जानकारी का गलत इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही कई बार तो जालसाज संबंधित व्यक्ति का एकाउंट तक खाली कर दे रहे हैं. साइबर सेल में ऐसी शिकायतों की भरमार है. इसलिए किसी भी वेबसाइट के लिंक पर अपनी निजी जानकारी साझा न करें. साथ ही किसी भी खबर पर आंख मूंदकर भरोसा न करें. जब तक खबर का श्रोत सही न हो.
HIGHLIGHTS
- सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा
- रामबाण योजना के तहत मिल रही 4 हजार की धनराशि
- सरकार ने बताया योजना का सच
Source : News Nation Bureau