Exclusive: गर्मी से राहत पाने के लिए हाथी लगा रहे स्विमिंग पूल में डुबकी!
आगरा और मथुरा समेत पूरे ब्रज में मौसम का पारा चढ़ा हुआ है, जिससे सुबह नौ बजे से ही सूरज आग उगलने लगता है. दोपहर में तो आसमान से अंगारे बरसते हैं.
highlights
- गर्मी से राहत पाने के लिए हाथी लगा रहे स्विमिंग पूल में डुबकी!
- हाथियों के अनोखे स्वीमिंग पूल की एक्सक्लूसिव तस्वीरें
- हाथियों को गर्मियों से राहत दिलाने के लिए उपयुक्त आहार दिया जा रहा है
मथुरा:
उत्तर प्रदेश राज्य में पारा बढ़ने के साथ मथुरा के फरह स्थित देश के सबसे बड़े हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र में मौजूद हाथी अपने-अपने निजी स्विमिंग पूल में डुबकी लगा कर गर्मी को मात दे रहे हैं! हाथी अपने स्विमिंग पूल में समय बिताते हुए भरपूर आनंद लेते हैं. जहां बूढ़े हाथी, ठंडे ताज़ा पानी में आराम से घंटों बिताना पसंद करते हैं, आगरा और मथुरा समेत पूरे ब्रज में मौसम का पारा चढ़ा हुआ है, जिससे सुबह नौ बजे से ही सूरज आग उगलने लगता है. दोपहर में तो आसमान से अंगारे बरसते हैं. इस कदर गर्मी पड़ रहा है कि इंसान ही नहीं पशु-पक्षी भी बेहाल हैं.
ऐसे में मथुरा के फरह स्थित हाथी संरक्षण केंद्र में भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए 'गजराज' गोता लगा रहे हैं. लगातार बढ़ते तापमान को देखते हुए वाइल्डलाइफ एसओएस ने हाथियों के लिए आजीवन देखभाल के तहत अद्भुत व्यवस्थाएं की हैं. एनजीओ के हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र में सभी 29 हाथियों के पास अपने स्वयं के जंबो स्विमिंग पूल के साथ-साथ पानी की छिड़काव के लिए स्प्रिंकलर भी हैं, जो कि उनके बड़े-बड़े बाड़ों को ठंडा रखने में मदद कर रहे हैं. केंद्र में बने पूल 400 वर्ग फीट और छह फीट गहरे हैं. इनके अंदर आसानी से जाने के लिए प्रत्येक पूल में एक झुका हुआ रैंप है. गर्मी से राहत प्रदान करने के अलावा पानी हाथियों के पैरों से अपने भारी वजन को कम करने में भी मदद करता है, जिससे उन्हें आराम करने में मदद मिल सके.
वाइल्डलाइफ एसओएस के मथुरा स्थित हाथी अस्पताल में हाथियों के लिए भारत का पहला जंबो हाइड्रोथेरेपी पूल भी है. हाइड्रोथेरेपी हाथियों के दर्द भरे जोड़ों और पैरों के लिए एक प्रभावी उपचार है, जो की पानी के चिकित्सीय लाभों का उपयोग करते हुए ट्रीटमेंट का ही एक रूप है, जिससे उन्हें शारीरिक रूप से आराम मिल सके. हाइड्रोथेरेपी मांसपेशियों के दर्द से राहत देने के साथ-साथ मांसपेशियों को प्राकृतिक तरीके से पुनर्निर्माण में मदद करता है. हाइड्रोथेरेपी पूल 11 फीट गहरा है और इसमें 21 हाई प्रेशर वाले जेट स्प्रे लगे हैं, जो पानी को प्रेशर से फेकते हैं, जिससे हाथियों के पैरों और शरीर की मालिश हो सके और रक्त संचार को बढ़ाने में मदद मिल सके.
वाइल्डलाइफ एसओएस के हाथी सेंटर में लाए गए हाथियों को सर्कस में प्रदर्शनी, पर्यटकों की सवारी, सड़कों पर भीख मांगने और शादी एवं बारात आदि में इस्तेमाल होने जैसी अत्यधिक तनावपूर्ण परिस्थितियों से बचाया गया है. पर अब इन्हें परिवार की तरह रखा गया है और इन्हें घर के सदस्यों की तरह एक नाम भी दिया गया है . जिनके द्वारा ये जाने जाते हैं .. यंहा इनके खाने पीने का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है . जंबो पूल के साथ-साथ हाथियों को गर्मियों से राहत दिलाने के लिए उपयुक्त आहार दिया जा रहा है, जिसमें तरबूज, खरबूज, खीरे, मौसमी जैसे फल और सब्ज़ी शामिल हैं, जो उन्हें हाइड्रेटीड रखने में मदद करते हैं.
वहीं, हाथी संरक्षण केंद्र के अधिकारी कहते हैं कि कैद में रहे इन हाथियों को उनके अस्तित्व के लिए आवश्यक मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित कर दिया जाता है. आज यह देखकर हमें सुकून मिलता है कि हमारे प्रयासों से उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है. हाथी पूल में घंटों बिताते हैं, और उन्हें पानी में आराम करते देखना हमारे दिल को खुशी से भर देता है. हम उन्हें यमुना नदी में भी ले जाते हैं, जिसका वे भरपूर आनंद उठाते हैं और कुछ हाथी तो पानी में अठ्खेलियां भी करते हैं.
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