सावन के महीने में बाबा भोलेनाथ का चमत्कार, खुदाई में निकला नंदी बैल
कर्नाटक के मैसूर जिले में खुदाई में निकली सैकड़ों साल पुरानी नंदी बैल की मूर्ति भक्तों की श्रद्धा का केंद्र बन गई है.
highlights
- मैसूर की एक झील से खुदाई में निकली नंदी बैल की दो मूर्तियां.
- 16वीं-17वीं सदी की हो सकती हैं नंदी बैल की मूर्तियां.
- सावन के महीने में भक्त मान रहे हैं भोलेनाथ का चमत्कार.
नई दिल्ली.:
इन दिनों भारत वर्ष के हिंदू सावन मना रहे हैं. इस पूरे माह कांवड़ यात्रा से लेकर बाबा भोलेनाथ की ही पूजा-अर्चना होती है. ऐसा लगता है कि भगवान शिव भी इस सावन में अपने भक्तों पर मेहरबान हो गए हैं. तभी तो अपनी सवारी नंदी बैल के रूप में भक्तों को आशीर्वाद देने धरती पर आ पहुंचे. कर्नाटक के मैसूर जिले में खुदाई में निकली सैकड़ों साल पुरानी नंदी बैल की मूर्ति भक्तों की श्रद्धा का केंद्र बन गई है. प्राचीन बैल की मूर्ति की बात सुनकर पुरातत्व विभाग ने भी साइट पर अपना घेरा कस दिया है.
यह भी पढ़ेंः यहां पर महिलाएं कर सकती हैं पुरुषों का रेप, घूंघट में रहते हैं मर्द, जानिए क्या है वजह
सूखी झील से निकली मूर्ति
जानकारी के मुताबिक मैसूर में एक सूखी झील की खुदाई चल रही थी. अचानक ही मजदूरों की कुदाल किसी बड़े पत्थर से टकरा गई, जानें क्यो सोच कर मजदूर वहां की खुदाई और सावधानी से करने लगे. इस तरह उन्हें नंदी की मूर्ति के तौर पर पहले सिर दिखाई दिया. और सावधानी से खुदाई करने पर नंदी बैल की विशालकाय प्रतिमा उनके सामने आ गई. भगवान शिव की सवारी माने जाने वाले नंदी बैल की सैकड़ों साल पुरानी प्रतिमा की खबर और फोटो देखते ही देखते वायरल हो गई.
यह भी पढ़ेंः प्यार नहीं प्रेमी में टि्वस्ट, लड़के के बजाय 'भूत' से शादी कर मां बनने की इच्छा
गांव के बड़े-बुजुर्ग से सुने थे नंदी बैल के चर्चे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मैसूर से करीब 20 किलोमीटर दूर अरासिनाकेरे में एक सूखी हुई झील की खुदाई में नंदी बैल की एक नहीं बल्कि दो मूर्ति पाई गई हैं. अरासिनाकेरे के बुजुर्ग झील में नंदी की मूर्ति होने की बात किया करते थे और जब झील में पानी कम होता था तो नंदी का सिर नजर आता था. बुजुर्गों की इन्हीं बातों पर भरोसा कर इस बार झील सूखने के बाद स्थानीय लोगों ने खुदाई शुरू कर दी ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके. स्थानीय रिपोर्ट के मुताबिक नंदी की इस प्रतिमा को ढूंढ़ने के लिए गांव वालों को तीन से चार दिनों तक लगातार खुदाई करनी पड़ी, खुदाई में जेसीबी मशीन की भी मदद ली गई.
यह भी पढ़ेंः कहां ऑस्ट्रेलिया..कहां ब्रिटेन... बच्चे को याद है राजकुमारी डायना से जुड़ी एक-एक बात, पुनर्जन्म है क्या!
16वीं-17वीं सदी की हो सकती हैं मूर्ति
अब नंदी बैल की इन मूर्तियों को बाहर निकाल लिया गया है. इस खबर के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही पुरातत्व विभाग के अधिकारी भी मौके पर जांच करने पहुंचे. नंदी की प्राचीन प्रतिमाओं को लेकर दावा किया जा रहा है कि ये 16वीं या 17वीं शताब्दी की हो सकती हैं. लोग इसे सावन महीने में भगवान शिव से भी जोड़कर देख रहे हैं. यहां भक्तों का तांता लग गया है और पुरातत्व विभाग की देखरेख में नंदी बैल की मूर्तियों को संरक्षित किया जा रहा है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी