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कोरोना काल में बौरा गए हैं कुत्‍ते, मास्क पहने लोगों को देख कर रहे विचित्र व्‍यवहार

देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में शामिल इंदौर में पिछले 20 दिन से कर्फ्यू लगा है लेकिन अचानक यहां कुत्तों के काटने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं जिससे एक सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों का काम बढ़ गया है.

Updated on: 13 Apr 2020, 03:41 PM

इंदौर:

देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में शामिल इंदौर में पिछले 20 दिन से कर्फ्यू लगा है लेकिन अचानक यहां कुत्तों के काटने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं जिससे एक सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों का काम बढ़ गया है साथ ही यह भी संकेत मिल रहा है कि कर्फ्यू तोड़कर कई लोग बाहर निकल रहे हैं. ‘‘लाल अस्पताल" के रूप में मशहूर हुकुमचंद पॉली क्लिनिक के प्रभारी आशुतोष शर्मा ने सोमवार को को बताया, "इन दिनों हर रोज 40 से 50 लोग लावारिस कुत्तों के हमले का शिकार होने के बाद हमारे अस्पताल में आ रहे हैं."

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उन्होंने कहा, "कुत्तों के काटने की इन घटनाओं की यह संख्या असामान्य इसलिये हैं क्योंकि इन दिनों शहर में कर्फ्यू लगा है और स्थानीय नागरिकों को अपने घरों में ही रहने के निर्देश दिये गये हैं. कर्फ्यू के कारण निजी क्लीनिक बंद हैं और कुत्तों के काटने के शिकार ज्यादातर लोग इलाज के लिये हमारे ही अस्पताल का रुख कर रहे हैं." शर्मा ने बताया कि ऐसे वक्त जब शहर के स्वास्थ्य कर्मी कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष में खुद को झोंके हुए हैं, उन्हें कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं के शिकार लोगों के इलाज के लिये अपने स्टाफ के पांच सदस्यों की अलग से ड्यूटी लगानी पड़ रही है. ऐसे लोगों को 28 दिन के अंतराल में रैबीज से बचाव के लिये चार से पांच इंजेक्शन लगाये जाते हैं.

पशु हितैषी संस्था "पीपुल फॉर एनिमल्स" की स्थानीय इकाई की अध्यक्ष प्रियांशु जैन ने बताया कि कर्फ्यू के चलते शहर के करीब 50,000 लावारिस कुत्तों को भोजन मिलने में काफी समस्या हो रही है. इससे वे खासे चिड़चिड़े हो गये हैं. जैन ने बताया, "भूखे श्वान जब सूनी सड़कों पर घूम रहे इक्का-दुक्का लोगों को मास्क पहने देखते हैं, तो उन्हें ये लोग संदिग्ध लगते हैं और वे भौंकते हुए उन पर अचानक हमला कर देते हैं."

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उन्होंने बताया कि इंदौर नगर निगम लावारिस कुत्तों के लिये हर रोज करीब 10,000 रोटियां और दलिया व चावल बनवा रहा है. इस भोजन को अलग-अलग क्षेत्रों में लावारिस कुत्तों को परोसा जा रहा है. जैन ने बताया, "जिन इलाकों में लावारिस कुत्तों तक भोजन पहुंच रहा है, वहां से इनके काटने की शिकायतें कम आ रही हैं." चश्मदीदों ने बताया कि शहर के कई पशुप्रेमी भी लावारिस कुत्तों के लिये भोजन का निजी स्तर पर इंतजाम कर रहे हैं. कोरोना वायरस के मरीज मिलने के बाद से प्रशासन ने 25 मार्च से शहरी सीमा में कर्फ्यू लगा रखा है.