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मर जाता है शरीर...लेकिन हमारे साथ रहती हैं आत्माएं, वैज्ञानिकों ने आखिरकार बता दिया ये सच!

क्या मृत्यु के बाद भी आत्माएं अपने परिवार के साथ रहती हैं? ये एक ऐसा सवाल है जो किसी से भी पूछा जाए तो कोई जवाब देने में कई बार सोचेगा. आज इस खबर में हम जानेंगे कि क्या सच में आत्माएं एक साथ रहती हैं.

क्या मृत्यु के बाद भी आत्माएं अपने परिवार के साथ रहती हैं? ये एक ऐसा सवाल है जो किसी से भी पूछा जाए तो कोई जवाब देने में कई बार सोचेगा. आज इस खबर में हम जानेंगे कि क्या सच में आत्माएं एक साथ रहती हैं.

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Ravi Prashant
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क्या सच में आत्माएं साथ रहती हैं?( Photo Credit : SOCIAL MEDIA)

बचपन से सुनते आ रहे हैं कि जब हमारा कोई करीबी मर जाता है तो वह हमारे आसपास ही रहता है. वे हमें सुनते हैं और हमें देखते हैं. वह कभी नहीं जाते हैं. क्या सच में ऐसा होता है कि जब कोई प्रियजन मर जाता है, तो उसकी आत्मा हमारे आसपास ही रहती है?  आत्माओं का अस्तित्व और उनके व्यवहार पर विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों में अलग-अलग मान्यताएं हैं. भारतीय संस्कृति में भी आत्माओं के बारे में कई प्रकार की धारणाएं हैं. यहां हम आत्माओं के अपनों को पीछे न छोड़ने की धारणों के ऊपर डिटेल्स में जानेंगे. 

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हिंदू धर्म में आत्मा को लेकर क्या है कॉन्सेप्ट?

भारतीय धर्म और दर्शन में आत्मा (या 'आत्मा') एक महत्वपूर्ण अवधारणा है. आत्मा को अमर माना जाता है और ये शरीर की मृत्यु के बाद भी अस्तित्व में रहती है. हिंदू धर्म में आत्मा को पुनर्जन्म और कर्म के सिद्धांतों से जोड़ा जाता है. कई बार ये माना जाता है कि जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो उसकी आत्मा अपनों को छोड़कर नहीं जाती, विशेषकर तब जब उसकी मृत्यु असमय या अचानक होती है. ये विश्वास है कि आत्मा का अपनी मृत्यु से पहले अधूरे कार्य या अनसुलझे भावनात्मक संबंध हो सकते हैं, जिसके कारण वह अपने प्रियजनों के पास ही रहती है.

जब मोक्ष नहीं मिलती हैं?

हिंदू धर्म में मान्यता है कि आत्मा मृत्यु के बाद भी जीवित रहती है और वह अगले जन्म में प्रवेश करती है. पितृ पक्ष के दौरान, पूर्वजों की आत्माओं का सम्मान किया जाता है और उन्हें प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध और तर्पण जैसे कर्मकांड किए जाते हैं. ये माना जाता है कि आत्मा अपने परिवार के प्रति आकर्षित हो सकती है, विशेषकर तब जब उसे मोक्ष नहीं मिला हो.

ये भी पढ़ें- क्या शरीर छोड़ने के बाद यहां जाती हैं इंसानों की आत्माएं...वैज्ञानिकों ने बताई ये सच्चाई!

कई लोग मरने के बाद भी रहते हैं साथ?

मनोविज्ञान के अनुसार, किसी प्रियजन की मृत्यु के बाद उनकी आत्मा का अनुभव अक्सर एक मानसिक और भावनात्मक प्रतिक्रिया होती है. यह दुःख, अपराधबोध या अधूरे कार्यों के कारण हो सकता है. इसे 'ग्रिएविंग' प्रक्रिया का हिस्सा माना जाता है. परामनोविज्ञान एक विज्ञान का क्षेत्र है जो आत्माओं और उनके व्यवहार का स्टडी करता है. यह क्षेत्र आत्माओं के अस्तित्व को प्रमाणित करने के लिए अनुसंधान और प्रयोगों का सहारा लेता है. कई लोगों ने आत्माओं के अनुभव की रिपोर्ट की है, जिनमें अपने प्रियजनों के साथ संपर्क होने का दावा किया है. हालांकि, आज भी वैज्ञानिक आत्मा को मिथ मानते हैं क्योंकि इसे लेकर आज तक कोई ठोस प्रूफ नहीं मिला है कि इनके बारे में कुछ बताया जाए. 

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Source : News Nation Bureau

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