मंच पर ही प्राण त्याग दिए 'दशरथ' ने, लोग बजाते रहे तालियां
राजेंद्र सिंह ने मरने से पहले दो बार राम-राम कहा और इसके बाद गिर गए. लोग जीवंत अभिनय समझ तालियां बजाते रहे.
highlights
- राजेंद्र सिंह 20 वर्षों से राजा दशरथ का अभिनय कर रहे थे
- कश्यप के परिवार में उनकी पत्नी, तीन बेटे और दो बेटियां
बिजनौर:
जीवन कभी-कभी कल्पना से भी परे होता है. यह बात साबित की राजा दशरथ की भूमिका निभा रहे एक पूर्व ग्राम प्रधान राजेंद्र कश्यप ने. कश्यप रामलीला में राजा दशरथ की भूमिका निभा रहे थे और वह अपने बेटे राम के लिए 14 साल के वनवास की घोषणा करने के बाद मंच पर गिर गए, तो लोगों को लगा यह उनके शानदार अभिनय का हिस्सा है और जमकर तालियां बजाई गईं. यह अलग बात है कि यह अभिनय नहीं था, उनकी मौत हो चुकी थी. 62 वर्षीय कश्यप जब दर्शकों के ताली बजाने के बाद भी नहीं उठे, तो उनके सह-कलाकारों को लगा कि कुछ गड़बड़ है. उन्होंने उन्हें उठाने की कोशिश की और महसूस किया कि वह मर चुके हैं. यह घटना शुक्रवार को हुई.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक राजेंद्र सिंह ने मरने से पहले दो बार राम-राम कहा और इसके बाद गिर गए. लोग जीवंत अभिनय समझ तालियां बजाते रहे. पर्दा गिरने के बाद साथी कलाकारों ने राजेंद्र सिंह को उठाने का प्रयास किया, लेकिन वह सच में प्राण त्याग चुके थे. घटना से गांव में शोक की लहर दौड़ गई और रामलीला का मंचन स्थगित कर दिया गया. गांव में रहने वाले आदेश ने बताया कि उनके गांव में प्रति वर्ष सप्तमी से दशहरा तक चार दिन तक स्थानीय कलाकार रामायण के विशेष प्रसंगों का मंचन करते हैं. उनके चाचा पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह बीते 20 वर्षों से राजा दशरथ का अभिनय करते आ रहे थे. इस साल भी मंगलवार को मंचन का शुभारंभ किया गया था.
रामलीला समिति के अध्यक्ष संजय सिंह गांधी ने कहा, 'यह बहुत दुखद हुआ. किसी को एहसास नहीं हुआ कि वास्तव में क्या हुआ था. हर कोई इसे महान अभिनय का हिस्सा मानते हुए तालियां बजाता रहा, हालांकि उन्हें पर कार्डियक अरेस्ट हुआ था.' जब तक अन्य कलाकार कश्यप को अस्पताल ले जाते तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. उनके गांव में शोक की लहर दौड़ गई, जिसके निवासियों ने उन्हें पिछले दो दशकों से साल-दर-साल कई रामलीला चरित्रों को निभाते हुए देखा था. कश्यप के परिवार में उनकी पत्नी, तीन बेटे और दो बेटियां हैं.
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