logo-image

कोरोना पॉजिटिव महिला की वियाग्रा ने बचाई जान, 45 दिनों तक कोमा में रही

मोनिका उल्मेडा को होश में लाने के लिए डॉक्टरों ने इरेक्टाइल डिसफंक्शन की दवा का इस्तेमाल किया. ऑक्सीजन लेवल कम होने की वजह से पहुंची कोमा में.  

Updated on: 03 Jan 2022, 10:45 AM

highlights

  • डाक्टरों और अपने सहकर्मियों का आभार व्यक्त किया
  • मोनिका का ऑक्सीजन लेवल काफी कम होता जा रहा था

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण कोमा में चली गई एक महिला को वियाग्रा (viagra) के इस्तेमाल से बचा लिया गया. पेशे से नर्स 37 वर्षीय मोनिका उल्मेडा को इस अनोखे तरीके से बचाने का मामला सामने आया है. वह 45 दिनों से कोमा में थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मोनिका को जब होश आया तो उसने डाक्टरों और अपने सहकर्मियों का आभार व्यक्त किया. मोनिका को होश में लाने के लिए डॉक्टरों ने इरेक्टाइल डिसफंक्शन की दवा का इस्तेमाल किया. कोरोना वायरस के कारण मोनिका का ऑक्सीजन लेवल काफी कम होता जा रहा था. इस कारण डाक्टरों ने उन्हें वियाग्रा का हेवी डोज देने का निर्णय लिया. मोनिका ने बताया कि डॉक्टरों से यह बात सुनकर पहले उन्हें इस बात पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ

हेवी डोज देने का निर्णय लिया

 गौरतलब है कि मोनिका इंग्लैंड स्थित एनएचएस लिंकनशायर में कोरोना के मरीजों का उपचार करती थीं. उन्हें इस दौरान अक्टूबर में कोरोना हो गया था. इसके बाद उनकी तबीयत बहुत तेजी से बिगड़ने लगी. उन्हें खून की उल्टियां होने लगीं. इसके बाद उन्होंने अस्पताल में अपना इलाज करवाया. यहां से उन्हें ​जल्द डिस्चार्ज कर दिया गया. मगर अचानक उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी. 

वियग्रा का उपयोग करेंगे

इसके बाद उन्हें लिंकन काउंटी अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. यहां पर ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण वे 16 नवंबर को कोमा में चली गईं. इस दौरान डॉक्टरों को कुछ नहीं सूझा, उन्होंने तय किया वे वियग्रा का उपयोग करेंगे. वियग्रा के उपयोग से खून का दौरा बेहतर होता है, वहीं फेफड़ों में इंजाइम बनता है. रक्त की धमनियों को चौड़ा करने और फेफड़ों को आराम पहुंचाने का काम करती है. वियाग्रा को देते ही 48 घंटे में मेरे लग्स ने काम करना शुरू कर दिया. अब मोनिका पहले से बेहतर महसूस कर रही हैं. उनका घर में ही इलाज चल रहा है.