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कोरोना ने अपनों को किया दूर, सिर्फ 3 मेडिकल स्टाफ की मौजूदगी में मरीज को दफनाया गया

बेंगलुरु में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज की मौत हो गई थी, जिसे बिना परिवार वालों की मौजूदगी में दफना दिया गया.

Updated on: 16 Apr 2020, 12:35 PM

बेंगलुरु:

कोरोनावायरस (COVID-19) महामारी ने पूरी दुनिया में कहर बरपाया है. इसके डर से लोग घरों में रहने को मजबूर हैं तो मरीज अस्पताल में अकेले पड़े हैं. पहले अगर घर में कोई अस्पताल में भर्ती हो जाता तो घरवाले ही नहीं, बल्कि आस-पड़ोस और रिश्तेदार भी देखते पहुंच जाते. मगर जब से कोरोना वायरस ने दुनिया को अपनी चपेट में लिया है, ऐसे में मरीजों को देखने अपने भी नहीं जाते हैं. और अगर कोरोना वायरस से मरीज मर भी जाए तो अस्पताल से लेकर कब्रिस्तान तक उसे अंतिम विदाई देने वाला भी नहीं पहुंच रहा है. ऐसा ही कुछ हुआ है बेंगलुरु में, जहां कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज की मौत हो गई थी, जिसे बिना परिवार वालों की मौजूदगी में दफना दिया गया.

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बेंगलुरु में मंगलवार की रात को 65 साल के मरीज की कोरोना से मौत हो गई थी. जिसके अगले दिन यानी बुधवार को उनकी अंत्येष्टि होनी थी. एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, सिर्फ तीन मेडिकल स्टाफ मृतक के शव को दफनाने के लिए कब्रिस्तान लेकर पहुंचे थे. हालांकि वहां कुछ एनजीओ के लोग भी थे, जो अंत्येष्टि में उनकी मदद कर रहे थे. मगर जब उनको दफनाया गया तो परिवार से कोई भी नहीं था.

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मरीज का अपना 26 सदस्तीय परिवार है. मगर उनके कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद परिवार के सभी लोगों को आईसोलेशन वार्ड में भर्ती करवाया गया. जबकि उनके संपर्क में आने वाले 78 लोगों को भी क्वॉरनटाइन में भेज दिया गया. मृतक के दामाद का कहना है कि हमें इस बात का अफसोस है कि हम लोग उन्हें आखिरी विदाई देने नहीं पहुंच सके.

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