इस गांव में अब बंदूक से पैदा होंगे बच्चे, 35 साल के इंतजार के बाद फिर गूंजेगी किलकारी?

2001 में तत्कालीन कलेक्टर पंकज अग्रवाल द्वारा एक परिवार को बंदूक आवंटन की गई थी, तो उस घर में बच्चे पैदा हो गए.

2001 में तत्कालीन कलेक्टर पंकज अग्रवाल द्वारा एक परिवार को बंदूक आवंटन की गई थी, तो उस घर में बच्चे पैदा हो गए.

author-image
Sunil Chaurasia
एडिट
New Update
इस गांव में अब बंदूक से पैदा होंगे बच्चे, 35 साल के इंतजार के बाद फिर गूंजेगी किलकारी?

प्रतीकात्मक तस्वीर

मध्य प्रदेश के सीधी जिले में जंगलों के बीच आज भी एक ऐसा गांव है, जहां 35 सालों से बच्चों की किलकारी नहीं गूँजी. शासन-प्रशासन की तरफ से एक बार पंकज अग्रवाल जिला कलेक्टर की कोशिश के बावजूद भी क्या बूढ़े क्या बुजुर्ग सभी संतान के लिए तरसते हैं. मुख्यालय से लगभग 110 किलोमीटर दूर भुइमाड के पास बीहड़ जंगलों के बीच बसे छोटे से गांव हर्रई की आबादी 400 के आसपास है. उनमें एक जाति खैरवार है जो अपने घर के आंगन में बच्चों की किलकारी के लिए 35 सालों से तरस रहे हैं.

Advertisment

खैरवार जाति के परिवारों में सबसे बुजुर्ग शख्स की उम्र 70 साल है. उन्होंने बताया कि यहां पीपल में ग्राम देवता जिसे स्थानीय भाषा मे अंगारा मोती कहते हैं, वह नाराज हो गए है. पीपल की जड़ में बकरा, मुर्गा को खूनने से देवता नाराज हैं. यही वजह है कि क्या बूढ़ा, क्या जवान किसी को बच्चा नहीं हुआ.

ये भी पढ़ें- IPL 2019 Auction Live: 351 खिलाड़ियों की किस्मत का होगा फैसला, जानिए किसे मिला कितना बेस प्राइस

भुइमाड इलाके का यह गांव आज भी अंधविश्वास के जाल में इस कदर फंसे हुए हैं कि इनका दिल और दिमाग दोनों किसी अनजान रास्ते पर चलने लगे हैं. इन लोगों को विश्वास है कि घर में बंदूक रख लेने से बच्चे होने लगते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि 2001 में तत्कालीन कलेक्टर पंकज अग्रवाल द्वारा एक परिवार को बंदूक आवंटन की गई थी, तो उस घर में बच्चे पैदा हो गए. सरकार बंदूक रखने में हमारी मदद करे तो फिर से हमारे घर में किलकारी गूंजने लगेगी, लेकिन राजनैतिक और प्रशासनिक अमले द्वारा अब तक कोई सहायता नही दी गई है जिससे गांव में फिर बच्चों की किलकारी सुनाई देने लगे.

ये भी पढ़ें- IPL 2019 Auction LIVE: कब, कहां और कैसे देखें खिलाड़ियों की नीलामी, जानें यहां

जबकि कुछ ही साल पहले जिला कलेक्टर पंकज अग्रवाल द्वारा गांव में कैंप लगाकर और सीधी में एक निजी नर्सिंग होम में जांच के अलावा भोपाल, जबलपुर, इंदौर में इनकी जांच और इलाज कराया गया. जांच में ऐसे कोई तथ्य निकल सामने नहीं आया, जिससे संतान ना होने की कमी पकड़ी जा सके. इन लोगों का यह भी कहना है कि गांव छोड़ कर किसी अन्य जगह जाते हैं तो बच्चे होने लगते हैं.

Source : News Nation Bureau

New born baby Sidhi News madhya-pradesh madhya-pradesh-news Bizarre News ajab gajab news ajab-gazab news Weird News sidhi district
      
Advertisment