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बोरी बंदर से बदलते-बदलते छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस हो गया भारत का पहला रेलवे स्टेशन

भारतीय रेल ने यात्री ट्रेन के तौर पर आज ही के दिन 167 साल पहले आधिकारिक तौर पर पटरियों पर रफ्तार भरी थी. भारतीय रेल की पहली पैसेंजर ट्रेन 16 अप्रैल, 1853 को (बोरी बंदर) बॉम्बे से ठाणे के बीच सफर तय किया था.

Updated on: 16 Apr 2020, 08:17 PM

नई दिल्ली:

भारत में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गुरूवार को कुल मामलों की संख्या 12,759 हो चुकी है. चीन से आए इस भयानक वायरस की वजह से हमारे देश में अभी तक कुल 420 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1515 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं. तेजी से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 मई तक पूरे देश में लॉकडाउन बढ़ा दिया है. इससे पहले पीएम मोदी ने 14 अप्रैल तक के लिए ही लॉकडाउन किया था.

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कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश की रफ्तार थमी हुई है. विश्व युद्ध जैसी परिस्थितियों में भी कभी नहीं रुकने वाली भारतीय रेल कोरोना की वजह से रुक गई है. रेलवे ने अपनी सभी यात्री सेवाओं को 3 मई तक के लिए रोक दिया है. हालांकि, भारतीय रेल इस मुसीबत की घड़ी में माल गाड़ियों के जरिए जरूरी सामानों की सप्लाई तेजी से कर रही है. पूरे देश में केवल माल गाड़ी ही चल रही हैं. इसके अलावा कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में रेलवे मरीजों के लिए बोगियों में आइसोलेशन अस्पताल भी तैयार कर रही है.

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भारतीय रेल ने यात्री ट्रेन के तौर पर आज ही के दिन 167 साल पहले आधिकारिक तौर पर पटरियों पर रफ्तार भरी थी. भारतीय रेल की पहली पैसेंजर ट्रेन 16 अप्रैल, 1853 को (बोरी बंदर) बॉम्बे से ठाणे के बीच सफर तय किया था. इस मौके पर रेल मंत्रालय ने ट्विटर पर कुछ तस्वीरें शेयर कर भारतीय रेल का जन्मदिन मना रही है. बता दें कि बोरी बंदर रेलवे स्टेशन जिस जगह पर था, आज ठीक उसी जगह पर देश के सबसे बिजी स्टेशनों में से एक छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस है.

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रेल मंत्रालय ने इस स्टेशन के बारे में अधिक जानकारी देते हुए बताया है कि भारत की पहली यात्री ट्रेन, जो 16 अप्रैल 1853 को बॉम्बे के बोरी बंदर स्टेशन से चली थी, 1887 में उसी स्टेशन का नाम बदलकर विक्टोरिया टर्मिनस कर दिया गया था. जिसके करीब 109 साल बाद 1996 में इसका नाम छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और फिर साल 2017 में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस कर दिया गया था. रेलवे ने अपनी जानकारी में कहा है कि इस स्टेशन से जुड़ी यादें, स्टेशन बिल्डिंग के अंदर स्थित म्यूजियम में संरक्षित हैं.