Blood Red Waterfall:यहां मौजूद है खून जैसे लाल पानी का झरना, जानिए क्या है इसके पीछे का रहस्य
दुनिया अनगिनत रहस्यों से भरी पड़ी है. जिनमें से कुछ ने इंसानों को कई सालों तक भ्रमित किया है. इनमें से कुछ रहस्य तो मानव निर्मित है तो कुछ प्राकृतिक. हालांकि, आज तक कोई ये नहीं बता पाया कि धरती की कौन सी जगह सबसे रहस्यमयी है.
New Delhi:
Antarctica's Blood Red Waterfall: दुनिया अनगिनत रहस्यों से भरी पड़ी है. जिनमें से कुछ ने इंसानों को कई सालों तक भ्रमित किया है. इनमें से कुछ रहस्य तो मानव निर्मित है तो कुछ प्राकृतिक. हालांकि, आज तक कोई ये नहीं बता पाया कि धरती की कौन सी जगह सबसे रहस्यमयी है. आज हम आपको एक ऐसे ही रहस्यमयी स्थान के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसके बारे में शायद ही आपने कभी सुना होगा. क्योंकि आने अब तक दुनियाभर के फॉल्स यानी झरनों के बारे में सुना होगा. इनमें से किसी से गर्म तो किसी से बेहद ठंडा या साफ पानी गिरता होगा, लेकि आज हम जिस फॉल्स के बारे में बताने जा रहे हैं वो सबसे अलग है. क्योंकि इस झरने से खून जैसा लाल रंग का पानी गिरता है. जिसे देखकर कोई भी इसे खून ही समझेगा.
अंटार्कटिका में मौजूद है लाल पानी का झरना
दरअसल, हम बात कर रहे हैं अंटार्कटिका की मैकमुर्डो ड्राई वैली में स्थित लाल पानी के झरने के बारे में. ये झरना टेलर ग्लेशियर से निकलता है जो देखने में ऐसा लगता है जैसे ग्लेशियर में कटने से यानी चोट लगने से खून बह रहा हो. गौरतलब है कि दक्षिणी ध्रुव पर स्थित अंटार्कटिका पृथ्वी का एक ऐसे स्थान है जिसके बारे में कहा जाता है कि अपने जीवन में इंसान को यहां एक बार जरूर जाना चाहिए. जहां आपको विशाल बर्फ के अलावा पेंगुइन की बड़ी कॉलोनियां देखने को मिलेंगी. जो पृथ्वी पर कहीं और मुमकिन नहीं है.
क्यों निकलता है झरने से लाल रंग का पानी
ऐसा कहा जाता है कि लगभग पांच लाख साल पहले, समुद्र का स्तर बढ़ गया होगा जिससे पूर्वी अंटार्कटिका में भयानक बाढ़ आई होगी. जिसके चलते एक नमकीन झील का निर्माण हुआ. इसके बाद लाखों साल में इस झील के ऊपर ग्लेशियर बन गए, जो इसे अंटार्कटिका के बाकी हिस्सों से काट देता है. बताया जाता है कि जैसे-जैसे झील के ऊपर के ग्लेशियर जमने लगे, नीचे का पानी और भी खारा हो गया. आज, ब्लड फॉल्स के नीचे मौजूद सबग्लेशियल झील की नमक सामग्री समुद्री जल की तुलना में तीन गुना ज्यादा खारी है. सबग्लेशियल झील जो ब्लड फॉल्स के जैसी दिखती है वह बर्फ के नीचे एक चौथाई मील नीचे फंसी हुई है.
बता दें कि इस खारे पानी का रंग खून जैसा इसलिए दिखाई देता है क्योंकि इसमें बड़ी मात्रा में आयरन ऑक्साइड मौजूद है. जब ग्लेशियर से पिछली बर्फ का पानी झील के नीचे की चट्टान के साथ रगड़कर बहाता है तब सबग्लेशियल झील का पानी ग्लेशियर में एक फिशर के माध्यम से रिसता है, ये नमकीन पानी टेलर ग्लेशियर से नीचे बोनी झील में गिरता है. जब लोहे से भरपूर पानी हवा के संपर्क में आता है, तो यह जंग खा जाता है और बर्फ गिरने पर ये खून के लाल धब्बे की तरह जमा हो जाते हैं. लाल रंग के झरने को देखना आसानी नहीं है. क्योंकि ये खून की तरह ही बहुत भयानक नजर आता है. इस स्थान पर कभी भी सूरज की किरणें नहीं पहुंचती और ना ही यहां ऑक्सीजन है.
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