अंध-विश्वास : कोरोना फिर बना 'देवी मां', गांव में न करे प्रवेश, हो रही पूजा
संकट के बीच अंधविश्वास ने लोगों को अपने आगोश में लेना शुरू कर दिया है. महिलाएं अब इस महामारी से निजात के लिए 'कोरोना माई' की पूजा करने लगी हैं.
highlights
- कोरोना वायरस फिर बना 'देवी मां'
- लोगों में अंधविश्वास ने किया घर
- गांव में न करे प्रवेश, हो रही पूजा
गोरखपुर:
कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है. कोरोना की दूसरी लहर में जहां संक्रमितों की संख्या बड़ी तेजी से बढ़ रही है तो मरने वालों का आंकड़ा भी डरा रहा है. इस घातक वायरस से निपटने के लिए जब पूरा देश जूझ रहा है, ऐसे वक्त में एक बार फिर से कोरोना को 'देवी-मां' का दर्ज मिलने लगा है. संकट के बीच अंधविश्वास ने लोगों को अपने आगोश में लेना शुरू कर दिया है. महिलाएं अब इस महामारी से निजात के लिए 'कोरोना माई' की पूजा करने लगी हैं. यह ताजा मामला उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से सामने आया है.
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गोरखपुर में तमाम गांवों में कोरोना से निपटने के लिए गांव की महिलाओं ने कोरोना माई की पूजा शुरू कर दी है. गांव के बाहर खलिहान में महिलाएं अब कड़ाही चढ़ा रही हैं, जिसमें पूरी और हलवा बना गांव की देवी को चढ़ा रही है और उनसे प्रार्थना कर रही है कि यह महामारी उनके गांव में ना प्रवेश कर पाए. गोरखपुर जिले के सहजनवा, खजनी कौड़ीराम, गोला, चौरी चौरा, कैंपियरगंज और पिपराइच इलाके के सैकड़ों गांव में इस समय महिलाएं गांव के बाहर काली माता के मंदिर या डीह बाबा के स्थान पर पूजा करती है और उन्हें धार कपूर चढ़ाया जाता है. इसके बाद इन मंदिरों के सामने माता को भेंट चढ़ाने के लिए पूरी और हलवा का प्रसाद बनता है, जिसे स्थानीय भाषा में कड़ाही चढ़ाना कहते हैं.
गांव की महिलाओं का विश्वास है कि देवी लोगों से कुपित हैं, इसलिए वह इस महामारी को लोगों के बीच में लाई हैं. यह महामारी देवी के आशीर्वाद से ही खत्म होगा और इसलिए वह देवी को प्रसन्न करने में जुटी हुई है. इसके साथ ही गांव के हर घर में लोग नीम की पत्तियां देवी को चढ़ा रहे हैं. आस्था है की गांव की देवी को नीम की पत्तियां बेहद प्रिय होती है और इसलिए उनको नीम की पत्तियां अर्पित की जाती हैं. इसके साथ ही जिन घरों में कोरोना के प्रारंभिक लक्षण सर्दी जुकाम बुखार की समस्या से लोग जूझ रहे हैं उन्हें भी देवी का प्रसाद खिला कर जल्दी ठीक करने की मनौती मांगी जा रही है.
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आपको बता दें कि गोरखपुर का शायद ही कोई ऐसा गांव होगा, जहां पर कोरोना से लोगों की मौत ना हो रही हो. इस वायरस को महामारी का रूप मानकर लोग अब अपने इष्ट देवी देवताओं को खुश करने में लगे हुए हैं और इसके लिए गांव गांव हवन पूजन और इस तरह के पूजा अनुष्ठान किए जा रहे हैं. ज्ञात हो कि पिछले साल भी कोरोना पीक के दौरान इस तरह की तस्वीरें देखने को मिली थीं.
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