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बचुदादा के ढाबे से कोई भूखा नहीं लौटता, पैसे न हों तो फ्री में खिलाते हैं खाना

बचुदादा बीते 40 सालों से मोरबी शहर में अपना ढाबा चला रहे हैं. बचुदादा के ढाबे पर सिर्फ 40 रुपये में आप पेट भर खाना खा सकते हैं.

Updated on: 18 Nov 2020, 01:52 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली के मालवीय नगर में ढाबा चलाने वाले कांता प्रसाद सोशल मीडिया की वजह से रातों-रात मशहूर हो गए. हालांकि, उनका किस्सा काफी विवादों में घिर गया है. इसी सिलसिले में आज हम आपको एक और बाबा के बारे में बताने जा रहे हैं जो गुजरात में अपना ढाबा चलाते हैं. गुजरात के मोरबी में रहने वाले बचुदादा की उम्र 72 साल है, जो बीते 40 साल से इसी शहर में रह रहे हैं.

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दिल्ली के 'बाबा का ढाबा' के बाद अब बचुदादा के ढाबे का नाम भी 'बचुदादा का ढाबा' पड़ गया है. बचुदादा बीते 40 सालों से मोरबी शहर में अपना ढाबा चला रहे हैं. बचुदादा के ढाबे पर सिर्फ 40 रुपये में आप पेट भर खाना खा सकते हैं. इस ढाबे की सबसे खास बात ये है कि जिन लोगों के पास पैसे नहीं होते या कम होते हैं, बचुदादा उन्हें मुफ्त में या फिर कम पैसे में ही खाना खिला देते हैं.

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बचुदादा के ढाबे पर 40 रुपये में मिलने वाली थाली में 3 सब्जियां, रोटी, दाल, चावल, पापड़ और छाछ मिलता है. ढाबे के पास कई गरीब लोग भी रहते हैं, जो बचुदादा के ढाबे पर 10-20 रुपये में ही पेट भर खाना खा लेते हैं. मुफ्त और कम दाम पर खाना देने पर बचुदादा कहते हैं कि उनका उद्देश्य पैसे कमाना नहीं बल्कि लोगों का पेट भरना है.

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बचुदादा कहते हैं कि वे अपने ढाबे पर आने वाले किसी भी शख्स को भूखा नहीं जाने देना चाहते. बचुदादा फिलहाल अकेले ही अपना ढाबा चलाते हैं. इससे पहले वे अपनी पत्नी के साथ ढाबा चलाते थे. उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी का निधन अभी 10 महीने पहले ही हुआ था. बचुदादा की एक बेटी है, जो शादी के बाद से अपने ससुराल में ही रहती है.