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प्राचीन मिस्र की समृद्द विरासत को सामने लाता हेराक्लिओन शहर.
अगर प्राचीन सभ्यताओं की बात करें तो भारत और मिस्र दो नाम ही उभरते हैं. अपने-अपने समय की समृद्ध विरासत सामने लाते पुरातात्विक निशान दोनों ही देशों में समय-समय पर मिलते रहते हैं. इस कड़ी में मिस्र एक फिर से चर्चा में है. पिछले दिनों इजिप्शियन अटलांटिस नाम से वर्णित प्राचीन शहर के खंडहरों में एक रहस्यमयी मंदिर को खोज निकाला गया है. यह कभी आबादी के कलरव से भरपूर जीता-जागता शहर हुआ करता था, लेकिन बाद में प्राकृतिक आपदा स्वरूप आई जबर्दस्त सूनामी में डूब गया.
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2200 साल पुराना है शहर
पुरातत्वविदों की मानें तो यह शहर कम से कम 2200 साल पुराना है. इसका वर्णन प्राचीन मिस्र के प्राचीन ग्रंथों में ही मिलता था, तो लोगों को इसका अस्तित्व दंतकथाओं सरीखा ही लगा. उस वक्त इसे हेराक्लिओन के नाम से जाना जाता था. इसे लगभग दो दशक पहले समुद्र के गहरे पानी से खोज कर निकाला गया. उसके बाद शुरू हुआ समूचे शहर को खोज कर उसके भग्नावशेषों को सामने लाने का काम. आज के हिसाब से यह शहर नील नदी के मुहाने पर स्थित था. यही नहीं, अपने समय का यह एक प्रमुख तत्कालीन लिहाज से हर सुविधा से पूर्ण अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह हुआ करता था.
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मिस्र के प्राचीन देवताओं की मूर्ति मिलीं
यहां खजाने से लदी ईसा पूर्व चौथी सदी की नाव भी मिली हैं. इसमें तांबे के सिक्के और आभूषण मिले हैं. ये सिक्के राजा टॉलमी द्वितीय के कार्यकाल (तीसरी शताब्दी) के हैं. समुद्र की गहराई में कई प्राचीन इमारतें और मिट्टी के बर्तन भी मिले हैं, जो करीब 2200 साल पुराने बताए जा रहे हैं. मिस्र और यूरोप के पुरातत्वविदों ने मिलकर ये अनोखी खोज की है. पिछले 15 सालों में समुद्र से गोताखोरों को 64 प्राचीन नाव, सोने के सिक्कों का खजाना, 16 फीट ऊंची मूर्तियां और विशाल मंदिर के अवशेष मिल चुके हैं. इन चार मूर्तियों हेराक्लिओन में मिले रहस्यमयी मंदिर में अमु गेरिब देवताओं की हैं.
HIGHLIGHTS
- इजिप्शियन अटलांटिस नाम से वर्णित प्राचीन शहर के खंडहरों में रहस्यमयी मंदिर खोजा गया.
- पुरातत्वविदों की मानें तो यह शहर कम से कम 2200 साल पुराना है.
- साथ ही पुरातत्वविदों को मिला है अकूत खजाना और प्राचीन मूर्तियां.