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वाराणसी की गंगा नदी में मिली अमेरिकी 'सकर माउथ कैटफिश', वैज्ञानिकों ने जाहिर की चिंता

वैज्ञानिकों ने बताया कि वाराणसी की गंगा नदी में पाई गई इस अमेरिकी मछली का नाम 'सकरमाउथ कैटफिश' है जो आमतौर पर दक्षिण अमेरिका के अमेजन नदी में पाई जाती है.

Updated on: 29 Sep 2020, 04:50 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश की पावन नगरी वाराणसी में गंगा नदी से एक ऐसी मछली मिली है, जिसने वैज्ञानकों का सिरदर्द बढ़ा दिया है. बताया जा रहा है कि ये एक अमेरिकी प्रजाति की मछली है जो गंगा में मौजूद अन्य प्रजाति की मछलियों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकती है. बता दें कि अभी हाल ही में गंगा नदी से एक और ऐसी ही अजीबो-गरीब प्रजाति की मछली मिली थी.

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वैज्ञानिकों ने बताया कि वाराणसी की गंगा नदी में पाई गई इस अमेरिकी मछली का नाम 'सकरमाउथ कैटफिश' है जो आमतौर पर दक्षिण अमेरिका के अमेजन नदी में पाई जाती है. लेकिन यहां सबसे बड़ी हैरानी की बात ये है कि आखिर ये मछली अमेरिका से हजारों किलोमीटर दूर वाराणसी तक कैसे पहुंच गई. बीएचयू के जन्तु विज्ञान संकाय के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि ये मछली मांसाहारी है, जो नदी में मौजूद अन्य मछलियों को अपना शिकार बना सकती है. जिससे गंगा नदी का सिस्टम बिगड़ सकता है.

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बताया जा रहा है कि गंगा नदी में नाव चला रहे नाविकों को ये अमेरिकी 'सकरमाउथ कैटफिश' नजर आई थी. जिसके बाद उन्होंने मछली को पकड़कर गंगा प्रहरी को सौंप दिया था. वैज्ञानिकों ने 'सकरमाउथ कैटफिश' को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यदि गंगा में इनकी संख्या बढ़ती है तो ये अन्य प्रजातियों की मछलियों को खा जाएंगी, जो नदी को साफ-सुथरा रखने में अहम भूमिका निभाती हैं. ऐसे में गंगा नदी पहले से ज्यादा गंदी हो सकती है.