Motivational Story: एकाग्र मन, कड़ी मेहनत और कुछ कर गुजरने की चाह हो सफलता आपके कदम चूम ही लेती हैं. आजकल हर छोटे शहर के बच्चे हो या बड़े सोशल मीडिया को ही अपना हथियार बनाकर करियर में आगे बढ़ रहे हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनकी मेहनत उन्हें मुकाम तक लेकर जाती है. राजस्थान के बिकानेर से निकले मेहुल पुरोहित अब एक ब्रांड बन चुके हैं. कम उम्र में ही उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड से नवाजा जा चुका है. 2022 में ही मेहुल को Youngest Entrepreneur of Asia का खिताब मिल चुका था.
क्या है संघर्ष की कहानी
दरअसल, मेहुल को कुछ विरासत में नहीं मिला है. उन्होने भी संघर्ष करके अपना नाम देश और दुनिया में बनाया है. जानकारी के मुताबिक पिता कृती कुमार पुरोहित के निधन के बाद उनकी मां मधु पुरोहित ने परिवार को संभाला. छोटे-छोटे काम करके उन्होंने मेहुल और उनके भाई को पढ़ाया-लिखाया. मेहुल अपनी मां को अपनी प्रेरणा मानते हैं और कहते हैं, "जब भी मैं असफल होता था, मां एक मेंटर की तरह मुझे संभालती थीं. आज भी वह मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं"
अवार्ड्स से सजी उपलब्धियां
वर्तमान में मेहुल पुरोहित किसी परिचय का मोहताज नहीं है. उन्होने कम उम्र में ही कई अवार्ड जीतकर अपने आपको साबित किया है. Economic Times Young Industry Leaders Award 2023 भी उन्हीं को मिला था. आज उनकी कहानी पढ़कर युवा डिजिटल क्षेत्र में अपना नाम कमाना चाहते हैं. संघर्षों से भरे सफर के बावजूद उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से सफलता हासिल की. उनकी यह यात्रा यह साबित करती है कि छोटे शहरों से भी बड़े सपने साकार हो सकते हैं.