Indian Railway Birthday: यह 172 साल पहले की बात है, 16 अप्रैल 1853 को, जब पहली यात्री ट्रेन बोरीबंदर (बॉम्बे) से ठाणे तक चली थी, जिसने 34 किलोमीटर की दूरी तय की थी. क्या आप जानते हैं कि उस समय 14 डिब्बे की ट्रेन खींचने के लिए तीन इंजन को जोड़ा गया था. उस समय देश के नामी-गिरामी 400 यात्रियों को इस पहली यात्रा में सफर करने का ख़ास मौका मिला था. यह दिन कई मायनों में खास माना जाता है और इसे भारतीय रेल परिवहन दिवस के तौर पर हर साल मनाया जाता है.
भाप इंजन के आविष्कार के बाद बनी थी ट्रेन
आपको बता दें कि 18वीं सदी में भाप इंजन का आविष्कार हुआ था लेकिन उस समय इसका इस्तेमाल यात्रियों के परिवहन में नहीं होता था. शुरुआती ट्रेनों का इस्तेमाल खदानों से कोयला और कई खजिनों को ढोने के लिए किया जाता था.
दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क
क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक हैं? जी हां, भारतीय रेलवे नेटवर्क दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक भारतीय रेलवे की लंबाई 70,000 (68,426) किलोमीटर है. यादों, कहानियों और अजनबियों के साथ बातचीत का भी एक बड़ा अनुभव हमे वंदे भारत, राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस और संपर्क क्रांति एक्सप्रेस जैसी तेज ट्रेनों से सफर करके मिलता है.
मिली थी 21 तोपों की सलामी
इस ट्रेन का चलना भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण माना गया था, जिससे इसे 21 तोपों की सलामी मिली थी. रेलवे के इतिहास यह बात लिखी गई है कि- "दोपहर के 3.30 बजे बोरी बंदर से एक बड़े भीड़ की जोरदार तालियों और 21 तोपों की सलामी के बीच यह ट्रेन रवाना हुईं थी".
किया गया था गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित
बता दें कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन ने दुनिया का सबसे बड़ा रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम बनाया हुआ है और यह रिकॉर्ड 1999 से अब तक बना हुआ है. इस स्टेशन पर 11,000 से ज्यादा रिले लगे हुए हैं, जिनका काम 1,122 अलग-अलग सिग्नल मूवमेंट को संभालना है, जिससे कोई भी ट्रेन गलत ट्रैक पर न जाए और दुर्घटना से बचा जा सके. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में इस रेलवे स्टेशन का नाम है.