Weekend Holiday : सप्ताह के अंत में आने वाले वीकेंड (शनिवार और रविवार) की छुट्टी मिलने पर जो खुशी मिलती है वो सिर्फ नौकरीपेशा व्यक्ति ही समझ सकते हैं. लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि कैसे वीकेंड पर छुट्टी की शुरुआत हुई थी. आखिर इसके पीछे की कहानी क्या है आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से...
धार्मिक कारण
सप्ताह के अंत में आने वाले वीकेंड के पीछे कई अलग-अलग कारण है. ईसाई धर्म के अनुसार भगवान ने केवल 06 दिन ही बनाए थे. क्योंकि सातवें दिन वह आराम करते थे. इसके चलते रविवार का दिन आराम और पूजा करने के लिए रखा गया है. जबकि, यहूदी धर्म में शनिवार का दिन शबात यानी आराम का दिन होता है. मुस्लिम देशों में जहां शुक्रवार का दिन जुमा का होता है, वहीं इसे इबादत का दिन भी माना जाता है.
करीब 200 साल पहले ईसाई धर्म के लोग रविवार को छुट्टी मानते थे. वहीं हिंदू धर्म में सप्ताह की शुरुआत रविवार से मानी जाती है यह दिन भगवान सूर्य का माना जाता है, लेकिन रविवार को भारत में अंग्रेजों के आने से पहले छुट्टी नहीं होती थी.
मजदूरों ने की थी मांग
अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (ISO) ने 1986 में रविवार को छुट्टी के रूप में मान्यता दी थी. अब आप सोच रहे होंगे कि शनिवार फिर वीकेंड में कैसे जुड़ा है बता दें कि मजदूरों ने ये मांग की थी. क्योंकि एक दिन की छुट्टी में उनका कोई काम नहीं हो पता था.
1884 में इंग्लैंड में शनिवार को आधे दिन काम करने का कार्यक्रम शुरू किया गया. दुनिया की सबसे मशहूर मोटर कंपनी 'फोर्ड' के मालिक अमेरिकी बिजनेसमैन हेनरी फोर्ड ने दुनिया में पहली बार अपनी कंपनी के कर्मचारियों को 5 दिन काम और सप्ताह में 2 दिन की छुट्टी देना शुरू किया था.
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