Corpse Flower: ऑस्ट्रेलिया में एक ऐसा फूल खिला है, जिसकी बदबू ने लोगों की नाक में दम कर दिया है. लोग अपनी नाक बंद करके चलने के लिए मजबूर हैं. इस फूल का नाम ‘कॉर्प्स फ्लावर’ है, जिसे 'लाश का फूल' के नाम से जाना जाता है. मशहूर ये दुर्लभ पौधा 15 साल में पहली बार ऑस्ट्रेलियन नेशनल बोटैनिक गार्डन, कैनबरा में खिला है. इसकी दुर्गंध सड़े हुए मांस की तरह होती है.
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि पिछले तीन महीनों में ऑस्ट्रेलिया में यह तीसरी बार खिला है. इससे पहले जनवरी में सिडनी और नवंबर में मेलबर्न के पास गीलॉन्ग बोटैनिक गार्डन में भी यह बदबूदार फूल खिला था.
क्या है ‘लाश का फूल’?
कॉर्प्स फ्लावर, जिसे वैज्ञानिक नाम Amorphophallus Titanum से जाना जाता है, इंडोनेशिया के सुमात्रा के वर्षावनों का दुर्लभ पौधा है. यह फूल हर 7 से 10 साल में एक बार खिलता है और उसकी दुर्गंध मक्खियों और अन्य परागण करने वाले कीड़ों को आकर्षित करने के लिए होती है. दुनिया में इसकी संख्या सिर्फ 300 जंगली पौधे और 1,000 से कम संरक्षित पौधे ही बची हैं.
इतने सारे फूल एक साथ क्यों खिले?
इस रहस्यमयी घटना पर कैनबरा की एक्टिंग नर्सरी मैनेजर कैरल डेल का कहना है कि इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं है. उन्होंने आगे बताया कि, “संभावना यह है कि ये सारे पौधे एक ही उम्र के हैं और अब उनके भूमिगत ट्यूबर (कॉर्म) में पर्याप्त ऊर्जा संग्रहीत हो चुकी है, जिससे ये एक साथ खिलने लगे हैं,”
उन्होंने यह भी कहा कि कैनबरा, सिडनी और गीलॉन्ग तीनों की जलवायु अलग-अलग है, फिर भी यह फूल एक साथ खिले, यह काफी आश्चर्यजनक है.
क्या कैनबरा का फूल अप्रत्याशित था?
वो आगे बताती हैं कि कैनबरा में यह फूल 15 सालों तक नहीं खिला था और डेल को तो लगने लगा था कि वहां इसकी सही परिस्थितियां नहीं हैं.
“हमने सोचा था कि कैनबरा का ठंडा मौसम, जिसमें कभी-कभी बर्फबारी भी होती है, शायद इस फूल के लिए सही नहीं है. लेकिन जब यह अचानक खिला, तो यह हमारे लिए बहुत बड़ा और सुखद आश्चर्य था.”
डेल ने बताया कि फूल ने शनिवार को दोपहर के समय खिलना शुरू किया और कुछ ही घंटों में इसकी दुर्गंध हवा में फैल गई. “शनिवार रात तक इसकी बदबू इतनी ज्यादा थी कि हमें सड़क के उस पार से भी महसूस हो रही थी. यह वाकई ‘गैग वर्थी’ थी.
लोगों ने कैसा अनुभव किया?
इस 135 सेंटीमीटर लंबे फूल को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ी, लेकिन जगह की कमी के कारण टिकटिंग सिस्टम लागू किया गया और केवल सैकड़ों लोग ही इसे देख पाए.
लोगों ने इसकी बदबू की तुलना सड़ी हुई लाश, सड़े अंडे, पसीने से भरी मोज़े, सीवर और कचरे से की.
हालांकि, सोमवार तक इसकी तीव्र बदबू काफी हद तक कम हो गई थी, लेकिन जब वैज्ञानिकों ने इसका पराग जमा किया तो वे अभी भी इसकी सड़ी हुई मांस जैसी गंध महसूस कर सकते थे.
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