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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
भुवनेश्वर, 27 अगस्त (आईएएनएस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने नुआखाई के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री किसान सहायता की तीसरी किस्त जारी की। इसके तहत किसानों के बैंक खातों में 1,041 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने रबी 2025-26 सीजन के लिए मुख्यमंत्री किसान सहायता की तीसरी किस्त वितरित की, जिसमें ओडिशा के 51,54,115 लघु, सीमांत, भूमिहीन किसानों, आदिवासी समूहों और शहरी कृषकों के बैंक खातों में सीधे 1,04,129 करोड़ रुपए हस्तांतरित किए गए।
राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन कृषि एवं किसान सशक्तीकरण विभाग द्वारा कृषि शिक्षा सदन, ओयूएटी, भुवनेश्वर में किया गया।
मुख्यमंत्री ने ओयूएटी परिसर में कृषि शिक्षा सदन में लगभग 59 करोड़ की लागत से निर्मित एक नवनिर्मित कृषक भवन और एक अतिथि गृह का भी उद्घाटन किया। उन्होंने घोषणा की कि किसान पंजीकरण की अवधि जल्द ही बढ़ा दी जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी किसान छूट न जाए।
मुख्यमंत्री ने कल्याणकारी उपायों के लाभों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि केवल सीएम-किसान सहायता के कारण पंजीकृत किसानों की वार्षिक आय में कम से कम 38 हजार रुपए की वृद्धि हुई है। सुभद्रा योजना (10 हजार रुपए) और पीएम-किसान प्लस सीएम-किसान (10 हजार रुपए) के तहत लाभों को शामिल करने से, लाभार्थी किसानों की वार्षिक आय में करीब 58 हजार रुपए की वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का मानना है कि किसानों की प्रगति के बिना राज्य की प्रगति संभव नहीं है। हमने अपने चुनावी वादे के अनुसार पहली ही कैबिनेट बैठक में समृद्ध कृषक योजना को मंजूरी दे दी। किसानों को प्रति क्विंटल धान पर 3,100 रुपए दिए गए और रिकॉर्ड 92.63 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई। आज, 51 लाख से ज्यादा लघु एवं सीमांत किसानों और 39,239 भूमिहीन परिवारों को मुख्यमंत्री-किसान सहायता के रूप में 1,041 करोड़ रुपए मिले हैं।
मुख्यमंत्री ने केंद्र के सहयोग से फसल सुरक्षा उपायों पर भी जोर दिया। इनमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए फसल विविधीकरण प्रणालियां और ओडिशा को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर आलू की खेती शामिल है।
सरकार ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से प्रत्येक उपमंडल में कम से कम एक कोल्ड स्टोरेज सुविधा स्थापित करने के लिए एक कोल्ड स्टोरेज इन्फ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट स्कीम (जनवरी 2025) भी शुरू की है। इससे फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने, उचित मूल्य सुनिश्चित करने और ग्रामीण रोजगार सृजन की उम्मीद है।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री कृषि उद्योग योजना के तहत युवा कृषि उद्यमियों को कृषि-आधारित उद्यम स्थापित करने के लिए 1 करोड़ तक की सब्सिडी दी जा रही है। अकेले वित्त वर्ष 2024-25 में, 1,406 परियोजनाओं को 188.34 करोड़ की सब्सिडी प्राप्त हुई।
इस दौरान उपमुख्यमंत्री और कृषि मंत्री कनक वर्धन सिंह देव ने कहा कि ओडिशा सरकार किसानों के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री-किसान योजना के माध्यम से, हमारा लक्ष्य छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें प्रगति की मुख्यधारा में लाना है।
मत्स्य पालन एवं कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गोकुलानंद मल्लिक ने कहा कि पशुपालन, मत्स्य पालन और बागवानी जैसे संबद्ध क्षेत्र किसानों की आय और जीवन स्तर को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री-किसान और मुख्यमंत्री कामधेनु योजना जैसी योजनाएं लाखों पशुपालकों को आर्थिक स्थिरता प्राप्त करने में मदद कर रही हैं।
इस कार्यक्रम में भुवनेश्वर (एकामरा) के विधायक बाबू सिंह, एफएंडएआरडी के प्रधान सचिव सुरेश कुमार वशिष्ठ, ओयूएटी के कुलपति डॉ. प्रवत कुमार राउल, कृषि और संबद्ध विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ 600 किसान और 200 ओयूएटी छात्र शामिल हुए।
--आईएएनएस
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