नई दिल्ली,12 जुलाई (आईएएनएस)। भारत की न्याय व्यवस्था को लेकर सीजेआई बीआर गवई के बयान पर देशभर के वकीलों ने समर्थन जताया है। वरिष्ठ वकीलों ने माना है कि इसकी सख्त जरूरत है। दरअसल, सीजेआई ने अपने बयान में कहा कि वर्तमान समय में भारत की न्यायिक व्यवस्था में सुधार की सख्त जरूरत है।
सीजेआई के बयान पर देशभर के वरिष्ठ वकीलों के साथ समाचार एजेंसी आईएएनएस ने बातचीत की।
एडवोकेट केसी कौशिक ने कहा कि मैं कहना चाहूंगा कि जस्टिस गवई संस्था के प्रमुख हैं। जब संस्था के प्रमुख ने समस्या की पहचान कर ली है, तो उनसे बेहतर समाधान कोई नहीं सुझा सकता। आम नागरिक को सरल रूप में कैसे न्याय मिले, इस दिशा में काम करने की जरूरत है। सबसे बड़ी समस्या है कि लोगों में यह धारणा बनती जा रही है कि क्या कोर्ट से समय पर न्याय मिलेगा।
वरिष्ठ अधिवक्ता अमन लेखी ने कहा कि न्यायिक व्यवस्था में सुधार की तत्काल आवश्यकता है। इसमें कोई संदेह नहीं है। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इसे स्थगन में नहीं फंसना चाहिए। अगर मामला अत्यावश्यक है, तो इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। अगर हमारा लक्ष्य लंबित मामलों को निपटाना है, तो हमें यह आकलन करना होगा कि एक, दो या तीन साल में कितने मामले सुलझाए जा सकते हैं और उसके अनुसार न्यायाधीशों का आवंटन करना होगा।
एडवोकेट बृजेश कलप्पा ने कहा कि मुझे खुशी है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश इसी दिशा में सोच रहे हैं। मुझे नहीं पता कि उन्होंने यह किस परिप्रेक्ष्य में कहा है, लेकिन सच्चाई यह है कि मामले अनिश्चित काल के लिए लंबित हैं और जिन वादियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, उन्हें भी यकीन नहीं है कि उन्हें समय-सीमा के भीतर न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि तत्काल फैसला लेने की जरूरत है।
विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम ने कहा कि कि न्यायमूर्ति गवई ने हमारी न्याय व्यवस्था में सुधारों की तत्काल आवश्यकता की ओर बिल्कुल सही इशारा किया है। उन्होंने बताया कि कैसे लंबे मुकदमों के कारण वर्षों की पीड़ा के बाद निर्दोष लोगों को रिहाई मिलती है, और मैं इससे पूरी तरह सहमत हूं। हालांकि, मैं यह भी कहना चाहूंगा कि सुधारों को इससे आगे भी जाना होगा। हमें यह भी देखना होगा कि किस तरह से प्रोसेस को आगे बढ़ा सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विभिन्न देशों से मिले पुरस्कारों पर उज्ज्वल निकम ने कहा कि उन्होंने हमारे देश में ऐसे काम किए हैं जिससे लोकतंत्र मजबूत हुआ है। आज मैं गर्व से कह सकता हूं कि हमारे अलग-अलग राज्य और अलग-अलग भाषाएं होने के बावजूद, हम लोकतंत्र को मजबूत बनाए रखते हैं। इसलिए मेरा मानना है कि पीएम मोदी को जो सम्मान मिल रहा है वह पूरी तरह से उसके हकदार हैं।
छत्रपति शिवाजी महाराज के बारह किलों को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किए जाने पर उन्होंने कहा कि मुझे बहुत गर्व है कि मैं महाराष्ट्र में पैदा हुआ, जो छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमि है। हिंदू राष्ट्र के उनके दृष्टिकोण के कारण ही विभिन्न किलों का निर्माण हुआ।
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