मुंबई, 11 जून (आईएएनएस)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने बुधवार को कहा कि उसे सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) से मंथली इलेक्ट्रिसिटी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स लॉन्च करने की मंजूरी मिल गई है।
इसे भारत के पावर मार्केट्स के लिए एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है। इससे इलेक्ट्रिसिटी एक्ट, 2003 के अंतर्गत शुरू किए गए दीर्घकालिक संरचनात्मक सुधारों को समर्थन मिलेगा।
एनएसई की ओर से मंथली इलेक्ट्रिसिटी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स लॉन्च करने का उद्देश्य इलेक्ट्रिसिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव के खिलाफ बाजार के भागीदारों को हेजिंग का एक अच्छा टूल उपलब्ध कराना है। साथ ही इलेक्ट्रिसिटी वैल्यू-चेन जैसे जनरेशन, ट्रांसमिशन, डिस्ट्रीब्यूशन और रिटेल में पूंजीगत निवेश को प्रोत्साहित करना है।
एनएसई के एमडी और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने कहा, यह मंजूरी एनएसई के व्यापक बिजली डेरिवेटिव इकोसिस्टम के लिए विजन की शुरुआत मात्र है। विनियामक अनुमोदन के अधीन तिमाही और वार्षिक कॉन्ट्रैक्ट्स जैसे कॉन्ट्रैक्ट्स फॉर डिफरेंस (सीएफडी) और अन्य लंबी अवधि के बिजली डेरिवेटिव को धीरे-धीरे शुरू करने की योजना पर काम चल रहा है।
हाल ही में एनएसई सीईओ ने कहा था कि एनएसई डीआरएचपी प्रोसेस शुरू करने के लिए सेबी से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) का इंतजार कर रहा है और जैसे ही एक्सचेंज को यह मिल जाएगा, वह डीआरएचपी बनाने के प्रोसेस को शुरू कर देंगे।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए आशीष चौहान ने कहा, एक्सचेंज ने रेगुलेटर से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की मांग की है। एनओसी मिलने के बाद हम अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टर्स (डीआरएचपी) तैयार करेंगे और फिर हम इसे सेबी को वापस भेजेंगे। इसके बाद वे इसे मंजूरी देने के लिए अपना समय लेंगे।
एनएसई ने 1994 में देश की पहली पूरी तरह से स्वचालित स्क्रीन-आधारित ऑर्डर मिलान सिस्टम शुरू किया था। इस इनोवेशन ने दुनिया को आईटी क्षेत्र में भारत की उभरती हुई ताकत को दिखाया था। आज एनएसई दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज बन गया है।
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