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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
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रांची, 26 मई (आईएएनएस)। झारखंड सरकार ने हाल में नीति आयोग की बैठक में राज्य की भूमि पर खनन के एवज में केंद्रीय कंपनियों के पास एक लाख 40 हजार 435 करोड़ की बकाया राशि का मुद्दा उठाया था। इस पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा कि भारत के संघीय ढांचे के तहत नीति आयोग एक ऐसा मंच है, जहां सभी राज्य अपनी समस्याएं साझा करते हैं। केंद्र सरकार उस पर विचार-विमर्श कर उचित निर्णय लेती है। झारखंड सरकार ने नीति आयोग की बैठक में जो भी मांग रखी है, उसकी प्रासंगिकता और तार्किकता पर केंद्र सरकार निर्णय लेगी।
उल्लेखनीय है कि 24 मई को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि राज्य की भूमि पर खनन के एवज में केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत कंपनियों के पास झारखंड के हक और हिस्से की राशि लंबे समय से बकाया है। इस राशि का यथाशीघ्र भुगतान होने से राज्य में विकास और कल्याण की योजनाओं को गति दी जा सकेगी।
मुख्यमंत्री सोरेन ने कोल बियरिंग एक्ट में संशोधन की मांग उठाते हुए कहा था कि जिस जमीन पर कंपनियां खनन का कार्य कर लेती हैं, उसे राज्य सरकार को पुनः वापस किए जाने का प्रावधान किया जाना चाहिए। उन्होंने राज्य में खनन क्षेत्र में होने वाले अनधिकृत खनन के मामलों में कंपनियों की जवाबदेही तय करने की जरूरत पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि राज्य में कोयले के साथ-साथ अन्य अहम खनिजों की बहुतायत है, जिनके खनन के क्रम में होने वाला प्रदूषण और विस्थापन एक बहुत बड़ी चिंता का विषय रहा है। इस चिंता को दूर करने की दिशा में भी सकारात्मक कदम उठाए जाने चाहिए। बैठक में झारखंड सरकार के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करते हुए सीएम सोरेन ने ‘विकसित भारत- 20247’ की योजना पर नीति आयोग और केंद्र सरकार को कई सुझाव दिए थे।
--आईएएनएस
एसएनसी/एएस
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.