एनसीबी ने स्कूलों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता फैलाने को सीबीएसई के साथ साझेदारी की

एनसीबी ने स्कूलों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता फैलाने को सीबीएसई के साथ साझेदारी की

एनसीबी ने स्कूलों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता फैलाने को सीबीएसई के साथ साझेदारी की

author-image
IANS
New Update
एनसीबी ने स्कूलों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता फैलाने को सीबीएसई के साथ साझेदारी की

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्‍ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बुधवार को नई दिल्ली में एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इसका उद्देश्‍य नशामुक्त स्कूली वातावरण बनाने और मादक द्रव्यों के सेवन के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने में सहयोग को मजबूत करना है।

Advertisment

इस समझौता ज्ञापन पर एनसीबी के महानिदेशक अनुराग गर्ग और सीबीएसई के अध्यक्ष राहुल सिंह ने एनसीआर के सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के 500 से अधिक प्रधानाचार्यों और परामर्शदाताओं की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।

एनसीबी के महानिदेशक अनुराग गर्ग ने नशीले पदार्थों की समस्या से निपटने में शैक्षणिक संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्‍होंने जागरूकता अभियान, कार्यशालाएं और परामर्श कार्यक्रम आयोजित करने में एनसीबी के सहयोग की पुष्टि की। उन्होंने मानस हेल्पलाइन-1933 के बारे में भी बताया, जहां कोई भी नागरिक नशीले पदार्थों की तस्करी से संबंधित जानकारी देने के साथ-साथ परामर्श या पुनर्वास के लिए सहायता भी प्राप्त कर सकता है, इस पूर्ण आश्वासन के साथ कि पूरी प्रक्रिया के दौरान उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी।

एनसीबी के महानिदेशक ने वेप्स के बढ़ते उपयोग पर भी चर्चा की, जो निकोटीन और नशीले पदार्थों की लत का एक प्रमुख कारण बन सकता है। उन्होंने आगे बताया कि वेप्स का निर्माण, उत्पादन, आयात, निर्यात, परिवहन और विज्ञापन कानून के तहत निषिद्ध और दंडनीय हैं, और उन्होंने अनुरोध किया कि संबंधित जानकारी कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ साझा की जाए।

सीबीएसई के अध्यक्ष राहुल सिंह ने स्कूलों, शिक्षकों और अभिभावकों को मादक द्रव्यों के सेवन को रोकने के लिए ज्ञान और संसाधनों से लैस कर छात्रों की भलाई की रक्षा के लिए सीबीएसई की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एक सतर्क शिक्षक स्कूल में किसी बच्चे के व्यवहार से उसके नशीले पदार्थों का सेवन करने वाले बच्चे की आसानी से पहचान कर सकता है।

यह समझौता ज्ञापन संयुक्त पहलों के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करता है, जिसमें त्रैमासिक जागरूकता कार्यक्रम, शिक्षकों और परामर्शदाताओं के लिए क्षमता निर्माण कार्यशालाएं, नशीली दवाओं की रोकथाम पर ई-मॉड्यूल, सामुदायिक आउटरीच और छात्रों व अभिभावकों के लिए परामर्श सेवाएं शामिल हैं। 100 सीबीएसई स्कूलों में एक पायलट कार्यक्रम शुरू किया जाएगा, जो हब-एंड-स्पोक मॉडल के माध्यम से आउटरीच का और विस्तार करेगा। हस्ताक्षर समारोह के बाद मादक द्रव्यों के सेवन की रोकथाम पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें देश भर के सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के 500 से अधिक प्रधानाचार्यों, परामर्शदाताओं और कल्याण शिक्षकों ने भाग लिया।

--आईएएनएस

एएसएच/जीकेटी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment