नई वंदे भारत स्लीपर में अपर बर्थ तक जाने में नहीं होगी कोई परेशानी, रेलवे ने सीढ़ी के डिजाइन को बदला

नई वंदे भारत स्लीपर में अपर बर्थ तक जाने में नहीं होगी कोई परेशानी, रेलवे ने सीढ़ी के डिजाइन को बदला

नई वंदे भारत स्लीपर में अपर बर्थ तक जाने में नहीं होगी कोई परेशानी, रेलवे ने सीढ़ी के डिजाइन को बदला

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IANS
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New Delhi: Vande Bharat Sleeper Coach Mock-Up Unveiled

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। नई वंदे भारत स्लीपर में अपर बर्थ काफी आरामदायक होगा और सभी आयु वर्ग के लोग आसानी से इस तक पहुंच पाएंगे। यह जानकारी काइनेट में वंदे भारत प्रोजेक्ट के निदेशक निशुंक गर्ग ने बुधवार को दी।

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समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए निशुंक गर्ग ने बताया कि आमतौर यात्रियों के मन में धारणा होती है कि अपर बर्थ आरामदायक नहीं होता है और इस तक पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसी चीज को ध्यान में रखते हुए, हमने नई वंदे भारत स्लीपर को डिजाइन किया है।

उन्होंने आगे बताया कि इसमें अपर बर्थ तक पहुंचने वाली सीढ़ी को इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए यह आरामदायक हो।

गर्ग ने बताया कि पहली ही ट्रेन से ही यह फीचर सभी यात्रियों को देखने को मिलेगा और हमारा लक्ष्य अगले साल पहली ट्रेन डिलीवर करना है, जिस पर हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

काइनेट में वंदे भारत प्रोजेक्ट के चीफ डिजाइनर एवगेनी मास्लोव ने कहा कि हमारे डिजाइन का लक्ष्य एक नेक्स्ट लेवल की आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान करना है। हमारा मानना है कि वंदे भारत वास्तव में देश के लिए एक काफी महत्वपूर्व प्रोजेक्ट है और हमने यहां पर वंदे भारत को लेकर अपना विजन दिखाया है और बताया कि वंदे भारत भविष्य में कैसी दिखेगी।

काइनेट रेलवे सॉल्यूशंस, रूस की सबसे बड़ी रोलिंग स्टॉक निर्माता कंपनी सीजेएससी ट्रांसमाशहोल्डिंग और भारत की सरकारी कंपनी रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के बीच एक ज्वाइंट वेंचर है। यह साझेदारी वंदे भारत प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए स्थापित की गई थी, जिसमें 1,920 स्लीपर कोच (120 ट्रेनसेट) का डिजाइन और निर्माण और 35 वर्षों की अवधि तक उनका रखरखाव शामिल है।

--आईएएनएस

एबीएस/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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