नवरात्र व्रत खोलने से पहले सावधानियां बरतनी जरूरी, भूलकर भी न करें ये गलती

नवरात्र व्रत खोलने से पहले सावधानियां बरतनी जरूरी, भूलकर भी न करें ये गलती

नवरात्र व्रत खोलने से पहले सावधानियां बरतनी जरूरी, भूलकर भी न करें ये गलती

author-image
IANS
New Update
Orange juice.

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 29 सितंबर (आईएएनएस)। नवरात्र का उद्यापन कोई अष्टमी तो कोई नवमी या फिर दशमी को भी करता है। एक सप्ताह से ज्यादा उपवास रखने के बाद व्रत खोला जाता है। आध्यात्मिक और धार्मिक बल से प्रेरित लोग मां जगतजननी के चरणों में सर्वस्व समर्पित कर देते हैं। लेकिन सप्ताह भर का व्रत (या लंबा व्रत) तोड़ने से पहले कुछ सावधानियां बरतना भी जरूरी है। न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी!

Advertisment

रिसर्च बताते हैं कि लंबी अवधि तक किए गए व्रत-उपवास से पाचन तंत्र की गतिविधियां धीमी पड़ जाती हैं। पेट और आंतों में एंजाइम्स की मात्रा और एसिड की मात्रा कम हो जाती है। मेटाबॉलिज्म (ऊर्जा व्यय) कम हो जाता है क्योंकि शरीर ऊर्जा बचाने की स्थिति में आ जाता है और इलेक्ट्रोलाइट्स (जैसे सोडियम, पोटैशियम) में असंतुलन हो सकता है, खासकर अगर पर्याप्त पानी या तरल पदार्थ न लिया गया हो।

इन बदलावों के कारण, व्रत खत्म करते समय अचानक भारी भोजन लेने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं — जैसे अपच, पेट फूलना, एसिडिटी, उल्टी, दस्त आदि।

कुछ लेटेस्ट लेखों व रिसर्च के अनुसार व्रत के बाद संतुलित आहार नहीं लिया तो गड़बड़ हो सकती है। वैज्ञानिक लेखों के मुताबिक जब व्रत लंबा हो, तो तोड़ने के दौरान छोटे-छोटे हिस्सों में, पौष्टिक और आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थों से शुरुआत करनी चाहिए। आयुर्वेद में भी सावधानी से व्रत खोलने की सलाह दी गई है। चरक संहिता से लेकर विभिन्न ग्रंथों में उपाय और सुझाव दिए गए हैं।

लगातार नौ दिनों तक कैलोरी या पानी पर बहुत ज्यादा प्रतिबंध के साथ उपवास करना, खासकर अगर सोच-समझकर न किया जाए तो थकान, पोषक तत्वों की कमी, मांसपेशियों की हानि और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन जैसे जोखिम भी पैदा कर सकता है। इसके प्रभाव व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य की स्थिति और उपवास के प्रकार पर निर्भर करते हैं।

24 घंटों के भीतर, आपका शरीर अपने शर्करा भंडार (शुगर रिजर्व) को लगभग खत्म कर देता है। तीसरे दिन तक, आपका संपूर्ण चयापचय रूपांतरित होने लगता है। नेचर मेटाबॉलिज्म में 2024 में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि सिर्फ तीन दिनों के उपवास से मस्तिष्क सहित कई अंगों में हजारों प्रोटीन परिवर्तन शुरू हो जाते हैं।

नौ दिन के व्रत के बाद, यदि आप स्वस्थ हैं और सामान्य परिस्थिति में हों, तो तरल पदार्थ से शुरुआत करें। सबसे पहले पानी, नींबू पानी, नारियल पानी, हल्की दही या छाछ जैसी चीजें लें। इससे शरीर में गिरे हुए लिक्विड स्तर को सुधारने में मदद मिलेगी।

शुरुआत हमेशा सूप और फलों के रस या पके हुए फल से करें। इसके साथ ही मसालेदार, तले-भुने या बहुत ज्यादा वसायुक्त (फैटी) चीजें शरीर को अचानक भारी काम देती हैं जब पाचन क्रिया सुस्त हो गई हुई हो। पहले दिन छोटे हिस्से (स्मॉल मील्स) लें और धीरे-धीरे सामान्य मात्रा में लौटें। एक ही बार में बहुत ज्यादा खाना खाने से पेट दर्द या भारीपन महसूस हो सकता है।

--आईएएनएस

केआर/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment