सुशासन के 4 साल : नमो श्री योजना बनी मातृत्व की ढाल, 18 महीनों में 6 लाख माताओं को 354 करोड़ की सहायता

सुशासन के 4 साल : नमो श्री योजना बनी मातृत्व की ढाल, 18 महीनों में 6 लाख माताओं को 354 करोड़ की सहायता

सुशासन के 4 साल : नमो श्री योजना बनी मातृत्व की ढाल, 18 महीनों में 6 लाख माताओं को 354 करोड़ की सहायता

author-image
IANS
New Update
New Delhi: Bhupendra Patel Attends Vibrant Gujarat Regional Conference

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

गांधीनगर, 15 सितंबर (आईएएनएस)। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने हाल ही में 13 सितंबर को अपने जनसेवा के चार वर्ष पूरे किए। मुख्यमंत्री पटेल ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पनाओं को आगे बढ़ाते हुए महिलाओं के सशक्तिकरण और मातृ स्वास्थ्य सुधार को शासन की प्राथमिकताओं में प्रमुख स्थान दिया।

Advertisment

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि मुख्यमंत्री पटेल के नेतृत्व में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गुजरात ने पिछले 4 सालों में उल्लेखनीय प्रगति की है। हाल के वर्षों में राज्य की नमो श्री योजना लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है, जिसने हर वर्ग की गर्भवती महिलाओं और माताओं के स्वास्थ्य और पोषण को सुनिश्चित किया है।

उल्लेखनीय है कि नमो श्री योजना मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है जिसे फरवरी 2024 में लॉन्च किया गया था और मात्र डेढ़ साल की छोटी सी अवधि में इस योजना ने 6 लाख 21 हजार से अधिक लाभार्थियों तक अपनी पहुंच बना ली है, जिन्हें 354 करोड़ रुपए से अधिक का आर्थिक लाभ सीधे उनके बैंक अकाउंट में दिया गया है। वहीं पंजीकरण की बात करें तो मात्र डेढ़ साल की छोटी सी अवधि में 7 सितंबर 2025 तक राज्य की लगभग 11 लाख लाभार्थी महिलाएं पंजीकृत हैं।

नमो श्री योजना के तहत पात्र महिलाओं को उनके पहले दो जीवित बच्चों के लिए चरणबद्ध रूप से 12,000 रुपए तक की आर्थिक सहायता दी जाती है, जो केंद्र की पीएमएमवीवाई और जेएसवाई योजनाओं के लाभों के साथ संयुक्त रूप से प्रदान की जाती है। पहली गर्भावस्था में सहायता चार चरणों में मिलती है: पंजीकरण पर 5,000 रुपए (राज्य 2,000 + केंद्र 3,000 रुपए), गर्भावस्था के छह महीने बाद 2,000 रुपए (राज्य), संस्थागत प्रसव के तुरंत बाद 3,000 रुपए (राज्य) और 14वें सप्ताह के टीकाकरण के बाद 2,000 रुपए (केंद्र सरकार द्वारा)।

वहीं दूसरी गर्भावस्था के लिए सहायता की प्रक्रिया थोड़ी भिन्न है। इसमें पंजीकरण के समय 2,000 रुपए छह माह की गर्भावस्था के बाद 3,000 रुपए संस्थागत प्रसव के बाद 6,000 रुपए (लड़की हो तो सहायता केंद्र की ओर से और यदि लड़का है तो राज्य सरकार की ओर से), तथा 14वे सप्ताह के टीकाकरण के पश्चात राज्य सरकार 1,000 रुपए देती है।

गुजरात सरकार की महत्वाकांक्षी नमो श्री योजना का लाभ अब महिलाओं तक और भी सरल और पारदर्शी तरीके से पहुंच रहा है। इसके तहत गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण स्वास्थ्य केंद्र से लेकर क्षेत्रीय स्तर तक राज्य स्तरीय TeCHO+ पोर्टल पर किया जाता है, जहां लाभार्थी से संबंधित आवश्यक दस्तावेज अपलोड किए जाते हैं। इसके बाद इन दस्तावेजों का सत्यापन स्वास्थ्य केंद्र और तालुका स्तर पर किया जाता है, और अंतिम पुष्टि राज्य स्तर पर पीएफएमएस प्रणाली के माध्यम से होती है। इसके बाद लाभार्थी महिला के बैंक खाते में सीधे डीबीटी के माध्यम से राशि जमा की जाती है। इस सुव्यवस्थित प्रक्रिया ने महिलाओं को योजना का लाभ मिलने में समयबद्धता और पारदर्शिता को सुनिश्चित किया है।

गुजरात में 2013 से 2023 के बीच यानी 10 सालों में मातृ मृत्यु दर 112 प्रति 1,00,000 जीवित जन्म की तुलना में 54.5 प्रतिशत घटकर वर्तमान में (2023 तक के आंकड़ों के अनुसार) 51 प्रति 1,00,000 जीवित जन्म तक पहुंच गया है। यह आंकड़ा न केवल राष्ट्रीय औसत 88 से काफी कम है, बल्कि गुजरात ने 2030 तक संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य ( एसडीजी) <70 प्रति 1,00,000 जीवित जन्म के लक्ष्य को तय समय से काफी पहले ही हासिल कर लिया है, जो राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी उपलब्धि है।

उल्लेखनीय है कि ये सभी प्रभावी परिणाम केंद्र व राज्य की योजनाओं का संयुक्त परिणाम हैं, जिसके तहत राज्य में नमो श्री योजना के साथ-साथ सुमन, पीएमएसएमए, ममता, खिलखिलाट जैसी योजनाएं भी गर्भवती माताओं के स्वास्थ्य व पोषण का ध्यान रख रही हैं।

--आईएएनएस

एसके/एएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment