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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
मसूरी, 30 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तराखंड के मसूरी उप जिला चिकित्सालय में मंगलवार को एक बहुउद्देशीय स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। उत्तराखंड सरकार के सहयोग और भाजपा मसूरी की पहल पर यह शिविर आयोजित किया गया। शिविर में मसूरी और आसपास के क्षेत्रों से आए सैकड़ों लोगों ने निशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और पालिका अध्यक्ष मीरा सकलानी ने संयुक्त रूप से शिविर का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मंत्री गणेश जोशी ने शिविर में सहयोग देने वाले डॉक्टरों को शॉल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया।
मंत्री गणेश जोशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस से लेकर गांधी जयंती तक आयोजित सेवा पखवाड़ा के तहत इस शिविर का आयोजन किया गया है। शिविर में आयुष्मान कार्ड बनाए गए, जिससे लाभार्थियों को 5 लाख रुपए तक का निशुल्क इलाज किया जाएगा। शिविर में विकलांग प्रमाण पत्र भी बनाए गए। जिन लाभार्थियों के प्रमाण पत्र मौके पर नहीं बन पाए, उनके लिए मंत्री ने निर्देश दिए कि उन्हें देहरादून भेजकर प्रमाण पत्र जारी कराए जाएं।
शिविर में लोगों के बीच मुफ्त दवाइयों का वितरण भी किया गया। मंत्री ने आगे कहा कि मसूरी के एकमात्र उप जिला चिकित्सालय में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को दूर कर दिया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती भी की जाएगी।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार सभी सड़कों की शीघ्र बहाली पर कार्य कर रही है। आपदा पीड़ित परिवारों को मिलने वाला मुआवजा 1.25 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया है।
वहीं, पेपर लीक मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त कानून बनाया है, जिसके तहत अब तक 100 से अधिक आरोपियों को जेल भेजा गया है और छात्रों की मांग पर सीबीआई जांच की सिफारिश भी की गई है। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह छात्रों के मुद्दे पर केवल राजनीति कर रहा है। मंत्री ने आगे कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
उप जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. खजान सिंह चौहान ने बताया कि भाजपा मंडल और स्थानीय लोगों के सहयोग से यह शिविर सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। शिविर में 500 से अधिक लोगों ने लाभ उठाया, जिनके नि:शुल्क परीक्षण, जांच और अन्य स्वास्थ्य सेवाएं की गईं। उन्होंने कहा कि जिन मरीजों को विस्तृत जांच की आवश्यकता थी, उन्हें अस्पताल बुलाया गया है। डॉ. चौहान ने सुझाव दिया कि इस तरह के शिविर हर दो-तीन महीने में आयोजित होते रहने चाहिए ताकि लोगों को एक ही स्थान पर सभी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
--आईएएनएस
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