मुंबई, 21 जुलाई (आईएएनएस)। मुंबई में वर्ष 2006 के सीरियल ट्रेन ब्लास्ट मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया। ट्रेन विस्फोट मामले में आरोपी रहे डॉ. वाहिद शेख ने बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि 2006 में, एटीएस ने इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया था और मुझे भी आरोपी बनाया गया था। 13 निर्दोष लोगों को जेल में डाल दिया गया था। सत्र न्यायालय में नौ साल तक मुकदमा चला और 2015 में फैसला सुनाया गया, जिसमें मुझे अदालत ने बाइज्जत बरी कर दिया। अन्य 12 लोगों को दोषी ठहराया गया, जिसमें पांच को मौत की सजा और सात को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। फिर मामला उच्च न्यायालय में गया, जहां यह मामला दस साल तक चला।
उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट के इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आज अदालत ने उन्हें भी बाइज्जत बरी कर दिया है। पहले दिन से ही हमने अपनी बेगुनाही का दावा किया। लेकिन, हमें प्रताड़ित किया गया, झूठे बयान लिए गए और फर्जी बरामदगी दिखाई गई। यह सब अब गलत साबित हो गया है।
उन्होंने आगे कहा कि यह स्थापित हो गया है कि एटीएस ने एक झूठा मामला बनाया था। मुझे खुशी है कि 19 साल बाद आखिरकार यह फैसला आया है। अब उन निर्दोष लोगों को रिहा किया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि मेरे साले साजिद अंसारी भी इस मामले में आरोपी थे। उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी और वे अभी भी नासिक जेल में हैं। अदालत ने अब उन्हें भी बरी कर दिया है। मैं आज सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में था। कोर्ट ने एटीएस के सारे सबूतों को नकारते हुए आज हम लोगों को न्याय दिया है। हमें उम्मीद है कि जेल में बंद सभी आरोपी जल्द बाहर आ जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि एटीएस ने फर्जी तरीके से यह केस खड़ा किया था। जिसका आज पर्दाफाश हो गया। हमें आज बेहद खुशी है कि कोर्ट ने सभी लोगों को बरी कर दिया है। फैसला आने के बाद हम लोग रो रहे थे, पहली बार हमने देखा कि खुशी के भी आंसू होते हैं। हम सेशन कोर्ट से इस फैसले की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन वहां से हमारे पक्ष में फैसला नहीं आ पाया। आज हमें खुशी है कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने हम लोगों की बेगुनाही को माना है।
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