मोटापे से लेकर पुरानी खांसी तक में राहत दे सकता है अपामार्ग का पौधा

मोटापे से लेकर पुरानी खांसी तक में राहत दे सकता है अपामार्ग का पौधा

मोटापे से लेकर पुरानी खांसी तक में राहत दे सकता है अपामार्ग का पौधा

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IANS
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Chirchita plant, Apamarg plant

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के खेतों और गांवों में आसानी से पाए जाने वाले पौधा अपामार्ग या चिरचिटा का तना, पत्तियां, जड़, बीज और फूल औषधीय गुणों से भरपूर होता है। आयुर्वेद के अनुसार यह मोटापा, गठिया, बवासीर, अस्थमा, पथरी, खांसी समेत कई छोटे-बड़े रोगों में फायदेमंद है। औषधीय गुणों से भरपूर पौधे का पंचांग हिस्सा लाभकारी है।

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अपामार्ग मुख्य रूप से सफेद और लाल दो प्रकार का होता है। सफेद अपामार्ग को अधिक श्रेष्ठ माना जाता है। इसका पौधा 60 से 120 सेमी ऊंचा होता है, पत्तियां 1 से 5 इंच लंबी और फूलों की मंजरी लगभग एक फुट होती है।

यह वर्षा में उगता और गर्मी में सूख जाता है। ये स्वाद में कड़वा होता है। यह पाचन शक्ति बढ़ाता है, दर्द निवारक है व विष और कृमि नाशक है।

आयुर्वेद में अपामार्ग का वर्णन बेहद फायदेमंद पौधे के रूप में मिलता है। गठिया में पत्तियों को पीसकर गर्म करके लगाने से दर्द और सूजन कम होती है। पौधे के जड़ का काढ़ा कालीमिर्च के साथ लेने से पित्त और किडनी की पथरी टूटकर निकल जाती है।

बीजों को नियमित खाने से भूख नियंत्रित होती है और चर्बी घटती है, जिससे वजन कंट्रोल में रहता है। इसकी जड़ का चूर्ण शहद के साथ लेने से पुरानी खांसी, ब्रोंकाइटिस और दमा में राहत मिलती है।

इसकी पत्तियों के रस को दांतों में लगाने से कैविटी भरने में मदद मिलती है। जड़ का लेप या पंचांग के काढ़ा स्नान से सिरदर्द और खुजली की समस्या में लाभ होता है। इसके अलावा लकवा, मलेरिया, कमजोरी, पेट का लटकना और संतान प्राप्ति में भी उपयोगी है। हालांकि इसका उपयोग वैद्य की सलाह से ही करें।

--आईएएनएस

एमटी/वीसी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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