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जब मनोहर पार्रिकर की मदद से शूटर तेजस्विनी सावंत ने छुआ सपनों का आसमान

महाराष्ट्र के कोल्हापुर से आने वाली शूटर तेजस्विनी सावंत (Tejaswini Sawant) सावंत ने कहा कि इस मदद से वह न सिर्फ 2005 की प्रतियोगिता में हिस्सा ले पाईं बल्कि यह मौका उनके करियर में निर्णायक मोड़ बना.

Updated on: 19 Mar 2019, 10:39 AM

नई दिल्ली:

यह वो समय था, जब छोटी सी तेजस्विनी सावंत (Tejaswini Sawant) को बहुत कम लोग जानते थे और जर्मनी में वर्ल्ड शूटिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए उन्हें तत्काल आर्थिक मदद की जरूरत थी. ऐसे वक्त में गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) उनके लिए उम्मीद की किरण बनकर आए थे. महाराष्ट्र के कोल्हापुर से आने वाली शूटर तेजस्विनी सावंत (Tejaswini Sawant) सावंत ने कहा कि इस मदद से वह न सिर्फ 2005 की प्रतियोगिता में हिस्सा ले पाईं बल्कि यह मौका उनके करियर में निर्णायक मोड़ बना. इसके बाद तो उन्होंने नई-नई ऊंचाइयां छुईं. तेजस्विनी सावंत (Tejaswini Sawant) को सिर्फ इस बात का अफसोस है कि मुख्यमंत्री की इस सज्जनता के लिए वह उनका ठीक तरीके से धन्यवाद नहीं कर सकीं, जिसका उनकी जिंदगी और शूटिंग करियर में बड़ा योगदान है.

फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने कहा, 'मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) के साथ मुलाकात बहुत कम समय की रही. इस दौरान भाजपा (BJP) के वरिष्ठ नेता चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) भी मौजूद थे. उन्होंने सिर्फ मेरे प्रदर्शन के बारे में सुना और अनुमानित खर्च के बारे में पूछा.'

जानी मानी शूटर  तेजस्विनी सावंत (Tejaswini Sawant) ने बातचीत के दौरान उस वाकये को याद करते हुए कहा, 'उन्होंने तुरंत मेरे लिए एक चेक पर दस्तखत किए.'

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तेजस्विनी सावंत (Tejaswini Sawant) ने बताया, 'यह रकम करीब एक लाख रुपये थी और यह मेरे लिए सबसे जरूरी मदद थी, जिसने मेरे पूरे करियर का रुख पलट दिया.'

इससे तेजस्विनी सावंत (Tejaswini Sawant) को आगे बढ़ने में मदद मिली. प्रतियोगिता में तेजस्विनी सावंत (Tejaswini Sawant) ने दो राउंड में 400 में से 397 और 396 अंक हासिल किए और वह भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली मुख्यधारा की शूटरों में सहजता से शुमार हो गईं. इस मदद से उन्हें अपने खेल को सुधारने में मदद मिली और इसके बाद वह किसी वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला शूटर बनीं. 

तेजस्विनी सावंत (Tejaswini Sawant) ने कहा, 'मैं ऐसा सिर्फ दो लोगों की वजह से कर सकी. पहले मनोहर मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar), जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया और आर्थिक मदद की और दूसरे चंद्रकांत पाटिल जो मेरा मामला मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) तक लेकर गए.'

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2006 के बाद से तेजस्विनी सावंत (Tejaswini Sawant) ने अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में कई स्वर्ण पदक और अन्य पदक जीते. शूटर ने मुख्यमंत्री के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा, 'मुझे अफसोस है कि अपने जीवन और करियर में मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) के योगदान के लिए मैं कभी उनका उचित तरीके से धन्यवाद नहीं कर सकी.'

संपर्क किये जाने पर पाटिल ने कहा कि मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) के साथ उनके करीबी संबंध थे. पाटिल अभी महाराष्ट्र में राजस्व मंत्री हैं. उन्होंने बताया कि जब तेजस्विनी सावंत (Tejaswini Sawant) ने उनसे संपर्क किया तब उनके दिमाग में मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) का नाम कौंधा और उन्होंने मदद के लिए उन्हें फोन लगा दिया.

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उन्होंने कहा, 'वह ऐसे ही (दयालु) थे. तेजस्विनी सावंत (Tejaswini Sawant) के मामले में मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) ने अपनी हैसियत से मदद की. उन्होंने सरकारी पैसे का इस्तेमाल नहीं किया. उन्होंने अपनी जेब से पैसे दिए और बाद की हमारी आपसी बातचीत में उन्होंने कभी इस मुद्दे का जिक्र नहीं किया.'