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फीफा यू-17 विश्व कप : स्पेन-इंग्लैंड में खिताबी मुकाबला आज

यह दोनों टीमें शनिवार को भारत की मेजबानी में खेले जा रहे फीफा अंडर-17 विश्व कप के फाइनल में आमने-सामने होंगी जहां विश्व फुटबाल के दो दिग्गज अपने पहले खिताब की लिए जद्दोजहद करेंगे।

Updated on: 28 Oct 2017, 01:18 AM

नई दिल्ली:

इंग्लैंड और स्पेन फुटबाल इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने से महज एक कदम की दूरी पर खड़ी हैं। यह दोनों टीमें शनिवार को भारत की मेजबानी में खेले जा रहे फीफा अंडर-17 विश्व कप के फाइनल में आमने-सामने होंगी जहां विश्व फुटबाल के दो दिग्गज अपने पहले खिताब की लिए जद्दोजहद करेंगे।

इस विश्व कप में यह पहला 'ऑल यूरोपियन' फाइनल है। इंग्लैंड इससे पहले कभी क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं गया, उसके सामने अपनी अंडर-20 टीम की सफलता को दोहराने का बेहतरीन मौका है जो विश्व कप का खिताब अपने नाम कर चुकी है।

वहीं स्पेन तीन बार फाइनल में जगह बनाने में तो सफल रहा है लेकिन जीत तीनों बार उससे दूर ही रही। चौथी बार फाइनल में पहुंचने पर स्पेन पहले खिताब के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगा।

इसी साल मई में स्पेन ने यूईएफए अंडर-17 यूरोपियन चैम्पियनशिप में इंग्लैंड को 4-1 से मात दी थी। इंग्लैंड उस हार का बदला लेने की पूरी कोशिश करेगा। दोनों टीमों के बीच वह तीसरा यूरोपियन चैम्पियनशिप फाइनल था।

भारत की मेजबानी में खेले जा रहे इस विश्व कप में इंग्लैंड ने शुरू से ही शानदार खेल दिखाया है। वहीं स्पेन ने सही मौकों पर अपने आप को संभालते हुए फाइनल का सफर तय किया है। दोनों टीमों की मौजूदा फॉर्म को देखते हुए साल्ट लेक स्टेडियम में खेला जाने वाले मुकाबला रोमांचक होगा इसकी संभवानाएं ज्यादा हैं।

इंग्लैंड के लिए यह साल यादगार रहा है। 1966 में बॉबी मूरे की कप्तानी वाली इंग्लैंड की सीनियर टीम ने पहला विश्व कप जीता। इस जीत के बाद इंग्लैंड की अंडर-20 टीम ने वेनेजुएला को फाइनल में मात देते हुए विश्व कप के सूखे को तोड़ा।

यहां से अंडर-19 टीम ने राह पकड़ी और यूईएफए यूरोपियन चैम्पियनशिप अपने नाम की।

कोच स्टीव कूपर के मार्गदर्शन में सेमीफाइनल में ब्राजील जैसी मजबूत टीम को एक तरफा मुकाबले में 3-1 से मात दी और इस साल यूथ टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाली इंग्लैंड की चौथी टीम बनी। इंग्लैंड ने चिली को टूर्नामेंट के पहले मैच में 4-0 से मात दी थी। दूसरे मैच में मैक्सिको ने उसे जरूर थोड़ी टक्कर दी लेकिन वह उससे 3-2 से पार पाने में सफल रही। इराक को इंग्लैंड ने 4-0 से पटका।

अंतिम-16 में जापान ने उसे हालांकि गोलरहित ड्रॉ पर रोक दिया। क्वार्टरफाइनल में अमेरिका को 4-1 से एकतराफा शिकस्त। इस बेहतरीन सफर से प्रेरणा लेकर इंग्लैंड फाइनल में पहुंची है। वहीं स्पेन पहले मैच में ब्राजील से 1-2 से हार गई थी। इस खराब शुरुआत से उबरते हुए उसने नाइजर और कोरिया को मात दी। ईरान को उसने 4-0 से हराया और फिर माली को 3-1 से पटखनी देते हुए फाइनल का सफर तय किया।

स्पेन के यहां तक के सफर में कप्तान अबेल रुइज का अहम रोल रहा है। कप्तान ने छह मैचों में छह गोल किए हैं। उनके अलावा फेरान टोरेस ने और मिडफील्डर सीजर जेलाबर्ट ने स्पेन के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया है।

इन तीनों खिलाड़ियों पर अपनी टीम को पहला विश्व कप दिलाने की बड़ी जिम्मेदारी है। वहीं इंग्लैंड की टीम रिहान ब्रूेवस्टर पर ज्यादा निर्भर करेगी जिन्होंने सेमीफाइनल में हैट्रिक लगाई थी। उन्होंने अभी तक टूर्नामेंट में सात गोल किए हैं। वहीं डिफेंस में उसके कप्तान जोएल लााटिबेयुडिएरे से पार पाना स्पेन के लिए बड़ी चुनौती होगा।

टीमें :

इंग्लैंड: कर्टिस एंडरसन, जोसेफ बर्सिक, विलियम क्रेलीन, टिमोथी इयोमा, जोएल लााटिबेयुडिएरे, मार्क ग्यूइही, जोनाथन पेंजो, लुइस गिब्सन, स्टीवन सैसेगन, मोर्गन गिब्स व्हाइट, टाशन ओकले बूथ, कानर गालाघेर, एंजेल गोम्स, न्या किर्बी, जॉर्ज मैकइच्रान, कालम हडसन ओडोइ, फिलिप फोडेन, इमिल स्मिथ रोवे, रिहान ब्रेवस्टर, डैनी लोडर।

स्पेन: अल्वारो फर्नांडेज, मातेयु जूएम, जुआन मिरांडा, ह्यूगो गुइलमोन, विक्टर चस्ट, एंटोनियो ब्लांको, फेरान टोरेस, मोहम्मद मोख्लिस, अबेल रुइज, सर्जियो गोमेज, नाको डियाज, प्रेडो रुइज, मार्क विडाल, अल्वारो गार्सिया, एरिक गार्सिया, डिएगो पैम्पिन, जोस लारा, सीजर जेलाबर्ट, कार्लोस बेइतिया, विक्टर पेरेया, अल्फोंसो पास्टोर।