'मोदी विरोध' का चश्मा हटाने पर कांग्रेस को देश की असली तस्वीर और मानचित्रों की लकीर साफ दिखेगी : सुधांशु त्रिवेदी

'मोदी विरोध' का चश्मा हटाने पर कांग्रेस को देश की असली तस्वीर और मानचित्रों की लकीर साफ दिखेगी : सुधांशु त्रिवेदी

'मोदी विरोध' का चश्मा हटाने पर कांग्रेस को देश की असली तस्वीर और मानचित्रों की लकीर साफ दिखेगी : सुधांशु त्रिवेदी

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IANS
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मोदी विरोध का चश्मा हटाने पर कांग्रेस को देश की असली तस्वीर और मानचित्रों की लकीर साफ दिखेगी : सुधांशु त्रिवेदी

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 2 जुलाई (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता अजय कुमार के सिक्किम को पड़ोसी मुल्क बताए जाने पर भारतीय जनता पार्टी हमलावर है। राज्यसभा सांसद एवं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने बुधवार को मुख्य विपक्षी दल पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए उसे मोदी विरोध का चश्मा हटाने की सलाह दी।

भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर तंज कसा। उन्होंने कहा, कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है, जिसके नेता राहुल गांधी यदा-कदा और हर संसद के सत्र के बाद सदा-सर्वदा विदेश में रहते हैं। वहीं, उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता देश और विदेश के बीच पहचान ही नहीं कर पा रहे हैं। मैं नहीं मानता कि कांग्रेस नेता अजय कुमार, जो एक पुलिस अधिकारी भी रहे हैं, उनका सामान्य ज्ञान इतना कम होगा कि उन्हें यह पता नहीं हो कि सिक्किम भारत का हिस्सा है।

त्रिवेदी ने कहा, लेकिन यह दुर्दशा तब होती है, जब लोग मोदी विरोध के मनोरोग से इस कदर ग्रस्त हो जाएं कि उन्हें इस बात का आभास ही नहीं हो कि वे सत्य बोल रहे हैं या असत्य? यह बहुत दुख की बात है कि पीएम मोदी के विद्वेष में भरी कांग्रेस की आंखों पर ऐसी पट्टी चढ़ी हुई है कि वह राष्ट्रहित की तो बलि दे ही रही है, अब राष्ट्र के मानचित्र को भी बलि देते हुए दिखाई दे रही है।

उन्होंने कहा, मुझे ज्यादा आश्चर्य इस विषय पर भी हुआ कि कांग्रेस को यह भी याद नहीं रहा कि सिक्किम का भारत में विलय इंदिरा गांधी के समय हुआ था, वह भी उस इमरजेंसी के कालखंड में, जिसको लेकर कांग्रेस नेता हाल ही में इतने पोस्ट कर रहे थे। मैं उन्हें याद दिला दूं कि सिक्किम का भारत में विलय 1975 में इंदिरा गांधी के समय हुआ था।

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, मैं कांग्रेस नेताओं को यह भी याद दिला दूं कि भारत और चीन के संबंधों पर एकमात्र ऐसा मौका आया जब चीन ने किसी मुद्दे पर अपना दावा छोड़ा है, तो वह 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी की चीन यात्रा के बाद, जब उसने सिक्किम पर से अपना दावा छोड़ा। अगर कांग्रेस मोदी विरोध का चश्मा हटाए तो उन्हें देश की असली तस्वीर और मानचित्रों की असली लकीर साफ दिखेगी।

--आईएएनएस

एससीएच/एकेजे

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